ईसा मसीह
यहूदी उपदेशक आ धार्मिक गुरु, ईसाइयत के संस्थापक
(ईसा से अनुप्रेषित)
ईसा मसीह (अंग्रेजी: Jesus, उच्चारण: ज़ीज़स) (c. 4 BC – c. 30/33 AD) जिनके यीशू, जीसस या जीजस क्राइस्ट भी कहल जाला, एगो यहूदी उपदेशक आ धार्मिक नेता रहलें; ईसाई धरम के माने वाला लोग इनके भगवान के बेटा माने ला आ उहे मसीहा (क्राइस्ट) माने ला जिनके बारे में ओल्ड टेस्टामेंट के भविष्यवाणी रहल, जिनके आवे के इंतजार रहल।
ईसा मसीह Jesus | |
---|---|
Born | ल॰ 4 BC[नोट 1] |
Died | ल॰ 30/33 AD[नोट 2] (aged 33–36) |
Cause of death | सूली चढ़ावल[नोट 3] |
Parents |
ईसाइयत के इतिहास के अध्ययन करे वाला लगभग सगरी बिद्वान लोग एह बात पर सनमत बा कि इतिहासी ब्यक्ति के रूप में ईसा के अस्तित्व जरूर रहल, हालाँकि, ईसा के इतिहास के अध्ययन के बाद एह बात पर कि वर्तमान में उनके उपदेश सभ जवना रूप में मिले लें ऊ केतना के इतिहासिक बाने, या फिर बाइबिल में ईसा के जवन बरनन मिले ला ऊ इतिहासी ईसा से केतना अलग बा, दुनों बात पर कवनों आम सहमती नइखे।
नोट
संपादन करीं- ↑ जॉन पी मेयर (John P. Meier) के कहनाँव बा कि जीसस के जनम लगभग 7वीं या 6वीं ईसा पूर्व में भइल।[1] कार्ल राह्नर (Karl Rahner) के कहनाम बा कि बिद्वान लोग में c. 4 ईसा पूर्व पर सहमती बा।[2] ई पी सांडर्स (E. P. Sanders) एही c. 4 BC के उचित माने लें आ एही पर सहमती होखे के बात कहे लें।[3] जैक फिनेगन (Jack Finegan) सुरुआती ईसाई परंपरा सभ के अध्ययन के बाद c. 3 या 2 BC के सही माने लें।[4]
- ↑ ज्यादातर बिद्वान लोग AD 30 भा 33 के ईसा मसीह के सूली चढ़ावे के समय माने लें।[6]
- ↑ James Dunn writes that the baptism and crucifixion of Jesus "command almost universal assent" and "rank so high on the 'almost impossible to doubt or deny' scale of historical facts" that they are often the starting points for the study of the historical Jesus.[7] Bart Ehrman states that the crucifixion of Jesus on the orders of Pontius Pilate is the most certain element about him.[8] John Dominic Crossan and Richard G. Watts state that the crucifixion of Jesus is as certain as any historical fact can be.[9] Paul R. Eddy and Gregory A. Boyd say that non-Christian confirmation of the crucifixion of Jesus is now "firmly established".[10]
- ↑ Traditionally, Christians believe that Mary conceived her son miraculously by the agency of the Holy Spirit. Muslims believe that she conceived her son miraculously by the command of God. Joseph was from these perspectives the acting adoptive father.
संदर्भ
संपादन करीं- ↑ Meier, John P. (1991). A Marginal Jew: The roots of the problem and the person. Yale University Press. p. 407. ISBN 978-0-300-14018-7.
- ↑ Rahner 2004, p. 732.
- ↑ Sanders 1993, pp. 10–11.
- ↑ Finegan, Jack (1998). Handbook of Biblical Chronology, rev. ed. Hendrickson Publishers. p. 319. ISBN 978-1-56563-143-4.
- ↑ Brown, Raymond E. (1977). The birth of the Messiah: a commentary on the infancy narratives in Matthew and Luke. Doubleday. p. 513. ISBN 978-0-385-05907-7.
- ↑ Humphreys, Colin J.; Waddington, W. G. (1992). "The Jewish Calendar, a Lunar Eclipse and the Date of Christ's Crucifixion" (PDF). Tyndale Bulletin. 43 (2): 340.
- ↑ Dunn 2003, p. 339.
- ↑ Ehrman 1999, p. 101.
- ↑ Crossan & Watts 1999, p. 96.
- ↑ Eddy & Boyd 2007, p. 173.
- ↑ Theissen & Merz 1998.
ई धर्म-संबंधी लेख एगो आधार बाटे। जानकारी जोड़ के एकरा के बढ़ावे में विकिपीडिया के मदद करीं। |
ई जीवनी लेख एगो आधार बाटे। जानकारी जोड़ के एकरा के बढ़ावे में विकिपीडिया के मदद करीं। |