भारत में बाल दिवस हर साल 14 नवंबर के छोट लड़िकन के अधिकार, लालन-पालन, सेहत आ शिक्षा खाती जागरुकता बढ़ावे के मकसद से मनावल जाला। ई दिन भारत के पहिला परधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जनम दिन के उपलक्ष में मनावल जाला जे लड़िकन के बहुत पसंद करें आ "चाचा नेहरू" के नाँव से जानल जाँय। एह दिन इस्कूल सभ में आ अउरी पब्लिक जगह पर बिबिध किसिम के कार्यक्रम होखे लें। इस्कूल सभ में पढ़ाई के बजाय एह दिन लड़िकन द्वारा आ लड़िकन खातिर कार्यक्रम कइल जालें।

बाल दिवस
इलाहाबाद के होली ट्रिनिटी इस्कूल में बाल दिवस के अगिला शनीचर के मनावल जात "बाल मेला"
मनावे वाला भारत
प्रकारराष्ट्रिय
महत्त्वलड़िकन के अधिकार, लालन-पालन आ शिक्षा खाती जागरुकता
समय14 नवंबर
केतना बेरसालाना

पहिले भारत में बाल दिवस के "फूल दिवस" (फ्लावर्स डे) के रूप में मनावल जाय; 1957 में इस्पेशल सरकारी आदेश द्वारा आधिकारिक रूप से बाल दिवस नेहरू के जनम दिन के दिन मनावल जाए के सुरुआत भइल[1] हालाँकि, कुछ स्रोत एकरे मनावल जाए के सुरुआत 1951 भी बतावे लें।[2]

संदर्भ संपादन करीं

  1. Pramila Pandit Barooah (1999). Handbook on Child, with Historical Background. Concept Publishing Company. pp. 193–. ISBN 978-81-7022-735-9.
  2. "The Tribune - Magazine section - Saturday Extra". www.tribuneindia.com. Retrieved 15 नवंबर 2019.