सुरेन्द्र मोहन पाठक (जनम 19 फरवरी 1940) हिंदी-भाषा के लेखक आ उपन्यासकार बाड़ें। साठ के दशक से लगातार लेखन में सक्रिय पाठक अभिन तक लेखन के काम क रहल बाड़ें आ अबतक ले लगभग तीन सौ उपन्यास लिख चुकल बाड़ें। इनके पहिली रचना सत्तावन साल पुराना आदमी (1958) मनोहर कहानियाँ में छपल रहे, एकरे बाद से लगातार इनके उपन्यास बिबिध पाकेट बुक्स प्रकाशकन द्वारा छपत रहलें, अब इनके हिंदी उपन्यास हार्पर नियर इंटरनेशनल प्रकाशन से भी छप चुकल बा आ इनका के हिंदी पल्प फिक्शन (लुगदी साहित्य) के नमर एक के लेखक मानल जाला।[1] इनके रचित पात्र: सुनील, विमल आ सुधीर कोहली वगैरह के सीरीज वाला उपन्यास सभ के काफी माँग रहे ला।[2] साल 2014 में छपल इनके उपन्यास कोलाबा कॉन्सपिरेसी के अमेजन.कॉम पर हिंदी के सभसे पापुलर किताब के दर्जा मिलल रहल। साल 2017 में इनके आपन आत्मकथा लिखे के ख़बर आइल[3] आ 2018 के सुरुआत में ई न बैरी न कोई बेगाना नाँव से वेस्टलैंड बुक्स प्रकाशन से छपल।

सुरेन्द्र मोहन पाठक
सुरेन्द्र मोहन पाठक
सुरेन्द्र मोहन पाठक
जनम(1940-02-19)19 फरवरी 1940
खेमकरण, पंजाब, भारत
पेशाउपन्यासकार
बिधाक्राइम फिक्शन, जासूसी उपन्यास, थ्रिलर
प्रमुख रचनापैंसठ लाख की डकैती, मीना मर्डर केस, ख़ाली वार, डायल 100
वेबसाइट
www.smpathak.com

संदर्भ संपादन करीं

  1. "The No.1 Jasoosi Kahaani Factory: Surender Mohan Pathak on his autobiography and life before fame". The Indian Express. 2018-02-25. Retrieved 2018-04-19.
  2. "King of pulp fiction Surendra Mohan Pathak on his characters Sunil, Sudhir and Vimal | books | ht picks". Hindustan Times. Retrieved 2018-04-19.
  3. https://timesofindia.indiatimes.com/life-style/books/features/crime-writer-surender-mohan-pathak-to-pen-autobiography/articleshow/60474434.cms

बाहरी कड़ी संपादन करीं