कृष्ण
कृष्ण हिंदू धर्म के एगो प्रमुख देवता हवें। इनका के बिष्णु के अवतार के रूप में भी पूजल जाला आ अपना में खुदे इनहीं के सबसे बड़हन ईश्वर के रूप में भी पूजल जाला।[8] कृष्ण के हिंदू धर्म में करुणा, दया आ प्रेम के देवता के रूप में पूजल जाला,[1][9] आ ई भारतीय देवी-देवता सभ में एगो प्रमुख देवता हवें।[10] कृष्ण के जनमदिन के लगभग पूरा भारत में कृष्ण जन्माष्टिमी के रूप में मनावल जाला आ ई हिंदू कैलेंडर के हिसाब से भादो महीना के अन्हार में अष्टिमी तिथी के पड़े ला आ अंग्रेजी कलेंडर के हिसाब से ई तिहुआर अगस्त भा सितंबर में पड़े ला।[11]
कृष्ण | |
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दया, करुणा आ परेम के देव[1][2] | |
संबंधित बाड़े | स्वयं भगवान्, परमात्मा, ब्रह्म[3][4] |
धाम | गोलोक, गोकुल, द्वारक |
हथियार | सुदर्शन चक्र कौमोदकी |
ग्रंथ | भागवत पुराण, हरिवंश पुराण, बिष्णु पुराण, महाभारत (गीता) |
तिहुआर | जन्माष्टिमी, होली |
Personal information | |
जनम | मथुरा, सूरसेन राज्य (वर्तमान उत्तर प्रदेश, भारत)[5] |
Consort | राधा, अष्टभार्या, 16,000-16,100 रानी लोग[6][note 1] |
माई-बाबूजी | देवकी आ बासुदेव, जशोदा आ नंद बाबा (पालक महतारी बाप) |
सहोदर | बलराम, सुभद्रा |
कृष्ण के अउरी कई नाँव से जानल जाला, जइसे की गोविंद, मुकुंद, मधुसूदन, वासुदेव, आ माखनचोर। कृष्ण के जिनगी के कथा आ खीसा सब के "कृष्ण लीला" कहल जाला। कृष्ण कई गो पुराणिक कथा सभ, जइसे कि महाभारत, भागवत पुराण आ भगवत गीता में प्रमुख चरित्र बाड़ें आ इनके जिकिर कई किसिम के दार्शनिक, धार्मिक आ कथा ग्रंथ सभ में आइल बा।[12] एह कथा आ ग्रंथ सभ में कृष्ण के कई बिबिध रूप में प्रस्तुत कइल गइल बा: उदाहरण खाती, ईश्वर के अवतार, लीलापुरुष, आदर्श प्रेमी, पबित्र हीरो, आ साक्षात ईश्वर वगैरह।[13] इनके बिबिध रूपलेखन (आइकनोग्राफी) में इनके जिनगी के बिबिध रंग प्रगट होला आ जीवन के अलग-अलग हिस्सा, बचपन में माखन चोरा के खाए वाला चंचल बालक, मुरली बजावे वाला लइका, युवा रूप में राधा आ गोपी लोग के साथे रास रचावे वाला प्रेमी, युद्ध में निपुण योद्धा आ अर्जुन के सारथी, योगी आ उपदेशक वगैरह रूप प्रमुख बाड़ें।[14]कृष्ण वसुदेव और देवकी के 8वीं संतान रहले। देवकी कंस के बहीन रहली। कंस एगो अत्याचारी राजा रहे। उ आकाशवाणी सुनले रहे कि देवकी के आठवा पुत्र द्वारा ऊ मारल जाइ।
नाँव
संपादन करींकृष्ण शब्द संस्कृत के हवे आ एकर मतलब "करिया", "काला", या "गहिरा नीला" होला।[15] कथा के अनुसार बतावल जाला कि जमुना के कालिय दह में कालिया नाग के बध करत समय ओकरे बिस से इनके रंग करिया भा नीला हो गइल रहे।[16] कुछ अन्य कथा सभ में दूसर बिबरन भी मिले ला आ कबो-कबो एह शब्द के अरथ "सभके अपना ओर खींचे वाला"[17] (कृष धातु के अर्थ खींचल, जवना से आकर्षण बने ला) भी बतावल जाला। कृष्ण के बिष्णु के अवतार मानल जाला आ बिष्णु के एक हजार नाँव (बिष्णुसहस्रनाम) में कृष्ण शब्द बिष्णु के 57वाँ नाँव के रूप में गिनावल गइल हवे।
अन्य नाँव सभ में "मोहन" यानी सभके मोह लेवे वाला[18], "मुरलीधर" मने कि मुरली (बँसुरी) धारण करे वाला, "गोविंद" भा "गोपाल" मने कि मुख्य गौ पालक[19][20] वगैरह नाँव प्रमुख हवें। उड़ीसा में आ कुछ अन्य पूरबी भारत के जगह सभ में इनके "जगन्नाथ" के रूप में पूजल जाला[21][22][23] आ बिस्व के स्वामी के अरथ में एह नाँव के इस्तेमाल होला। कई अन्य नाँव अइसन दइत आ राक्षस सभ के नाँव पर भी पड़ल हवें जिनहन के इनके द्वारा बध भइल बतावल जाला, जइसे: मुरारि, मधुसूदन वगैरह। वसुदेव आ जशोदा आ देवकी के बेटा के रूप में इनके वासुदेव, जशोदानंदन आ देवकीनंदन भी कहल जाला। सुदर्शन चक्र धारण करे वाला रूप में इनके चक्रधारी भी कहल जाला।
जिनगी आ जुड़ल कथा
संपादन करींआगे कृष्ण के जिनगी आ जुड़ल कथा सभ के बिबरन दिहल गइल बा, ई सभ महाभारत, हरिबंस, भागवत आ बिष्णु पुराण नियर साहित्य आ कथा में मौजूद बिबरन पर आधारित बा। कृष्ण के जीवन के घटना सभ भारत में भइल बतावल जालीं आ एह कथा सभ में बर्णित जगह क्षेत्र सभ के इलाका आज के समय के उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली आ गुजरात में पड़े ला। कृष्ण के जिनगी के बिबरन के कृष्णचरित कहल जाला।[24]
जनम
संपादन करींकृष्ण चरित सभ में, कृष्ण के देवकी आ उनके पति वसुदेव के लइका के रूप में जनमल बतावल जाला जेलोग चंद्रबंसी कुल के रहल।[25] देवकी के भाई कंस नाँव के अत्याचारी राजा रहलें। देवकी के बियाह के समय, पुराण सभ में बर्णित कथा अनुसार, आकासबाणी भइल या कुछ भाबिस्य बतावे वाला लोग अइसन बतावल कि देवकी के एगो लइका कंस के बध करिहें। कंस एही कारण देवकी के हर संतान के मुआ डारे के ब्यवस्था कइलें आ वसुदेव आ देवकी के जेलखाना में डाल दिहलें। कृष्ण के पैदा होखे प, वासुदेव चुपचाप चोरी से नया पैदा भइल लइका के जमुना पार ले जा के नंद-जशोदा के संतान से बदल देलें। जब कंस नया पैदा भइल शिशु के मुआवे खाती आवे लें ऊ लइकी जे शक्ति के अवतार होखे लीं, आकास में उड़ जालीं आ कंस के चेतावनी देलीं कि तोहार संहार करे वाला तोहरे राज में पैदा भ चुकल बा। पुराणन के अनुसार, कृष्ण नंद बाबा आ उनके मेहरारू जशोदा के घरे पालल पोसल जालें, ई जगह आधुनिक जमाना के मथुरा के लगे बतावल जाला।[26][27][28] एह कथा सभ के अनुसार कृष्ण के दू गो अउरी भाई-बहिन कंस की हाथे मुआवल जाए से बच जालें - बलिराम आ सुभद्रा।[29] कृष्ण के जनम के तिथि आजुओ ले कृष्ण जन्माष्टिमी के रूप में मनावल जाले।
बचपन आ युवा अवस्था
संपादन करींThe legends of Krishna's childhood and youth describe him as a cow herder, a mischievous boy whose pranks earns him the nickname a Makhan Chor (butter thief), and a protector who steals the hearts of the people in both Gokul and Vrindavana. The texts state, for example, that Krishna lifts the Govardhana hill to protect the inhabitants of Vrindavana from devastating rains and floods.[30]
Other legends describe him as an enchanter and playful lover of the gopis (milkmaids) of Vrindavana, especially Radha. These metaphor-filled love stories are known as the Rasa lila and were romanticised in the poetry of Jayadeva, author of the Gita Govinda. They are also central to the development of the Krishna bhakti traditions worshiping Radha Krishna.[31]
Krishna's childhood illustrates the Hindu concept of lila, playing for fun and enjoyment and not for sport or gain. His interaction with the gopis at the rasa dance or Rasa-lila is an example. Krishna plays his flute and the gopis come immediately, from whatever they were doing, to the banks of the Yamuna River, and join him in singing and dancing. Even those who could not physically be there join him through meditation. He is the spiritual essence and the love-eternal in existence, the gopis metaphorically represent the prakṛti matter and the impermanent body.[32]
This lila is a constant theme in the legends of Krishna's childhood and youth. Even when he is battling with a serpent to protect others, he is described in Hindu texts as if he were playing a game.[33] This quality of playfulness in Krishna is celebrated during festivals as Rasa-lila and Janmashtami, where Hindus in some regions such as महाराष्ट्र playfully mimic his legends, such as by making human gymnastic pyramids to break open handis (clay pots) hung high in the air to "steal" butter or buttermilk, spilling it all over the group.[34]
नोट
संपादन करींसंदर्भ
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स्रोत ग्रंथ
संपादन करीं- Bryant, Edwin F. (2007), Krishna: A Sourcebook, Oxford University Press, USA, ISBN 0-19-514891-6
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