प्रभावतीगुप्त
प्रभावतीगुप्त गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य क बेटी रहलीं। उनकर बियाह वाकाटक वंश के राजा रुद्रसेन द्वितीय के साथ 380 ई॰ में भयल रहै। रुद्रसेन द्वितीय शैव मत के माने वाला रहल जबकि प्रभावती वैष्णव मत मानै वाली रहलीं। बियाह के बाद रुद्रसेनो वैष्णव हो गयल रहलैं। लगभग दस साल के शासन के बाद 390 ई॰ में रुद्रसेन द्वितीय क देहांत हो गयल। ओकरे बाद 13 बरिस तक प्रभावती अपने लड़िकन (दिवाकर सेन तथा दामोदर सेन)के संरक्षिका के तौर पर शासन कइनी। दिवाकर सेन क देहांत प्रभावती के संरक्षण काल में ही हो गइल रहै। दामोदर सेन जब वयस्क हो गयल तब सिंहासन पर बइठल। इहै 410 ई॰ में प्रवरसेन द्वितीय के नाम से वाकाटक शासक बनल। ऊ आपन राजधानी नन्दिवर्धन से बदल के प्रवरपुर बनवल। शक लोग के उन्मूलन क काम प्रभावती गुप्त के संरक्षण काल में ही संपन्न भयल रहै जेकरे बाद से गुप्त सत्ता गुजरात एवं काठियावाड़ में स्थापित हो गइल।[1][2]
प्रभावतीगुप्त | |
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रानी आऊर वाकाटक राजवंश क संरक्षक | |
Reign | 385-405 ई॰ |
Spouse | रुद्रसेन द्वितीय |
Issue | दिवाकरसेन, दामोदरसेन भा प्रवरसेन |
Father | चंद्रगुप्त विक्रमादित्य |
Mother | कुबेरनगा |
संदर्भ
संपादन करीं- ↑ Kulke, Hermann; Rothermund, Dietmar (2019). A History of India (Fourth ed.). Routledge. pp. 91–92. Archived from the original on 2014-10-04. Retrieved 1 जनवरी 2019.
- ↑ Singh, Upinder (2009). A history of ancient and early medieval India : from the Stone Age to the 12th century. New Delhi: Pearson Longman. p. 482. ISBN 978-81-317-1677-9. Retrieved 1 जनवरी 2019.