भरतनाट्यम चाहे चतिराट्टम मुख्य रूप से दक्खिन भारत के शास्त्रीय नाच शैली बा। ई भरतमुनि के नाट्यशास्त्र(400 ईपू) पर आधारित बा। वर्तमान समय में एह नाच शैली के मुख्य रूप से मेहरारुवन द्वारा अभ्यास कइल जाला।[1] एह नाच शैली के प्रेरणास्त्रोत चिदंबरम् के प्राचीन मंदिर के मूर्तियन से मिलेला।

भरतनाट्यम् मृगनालिन
Genreभारतीय शास्त्रीय नाच
Originतमिलनाडु

भरतनाट्यम् के सभसे प्राचीन शास्त्रीय नाच मानल जाला। एह नाच के तमिलनाडु में देवदासीयन विकसित आ प्रसारित कइलीजा। प्रारम्भ में एह नाच के देवदासियन द्वारा विकसित करे के कारण उचित सम्मान ना मिल पवलक। बाकीर बीसवा सदी के शुरूआत में कृष्ण अय्यर और रुकमणि देवी के प्रयास से एह नाच के दोबारा स्थापित कइल गइल। भरतनाट्यम् के दुगो भाग होला, एके साधारणत: दू भाग में सम्पन्न कइल जाला, पहिला नाच और दूसरा अभिनय। नाच शरीर के अङन से उत्पन्न होला एमें रस, भाव और काल्पनिक अभिव्यक्ति जरूरी ह।

भरतनाट्यम में शारीरिक प्रक्रिया के तीन भाग में बांटल जाला -: समभंग, अभंग, त्रिभंग भरत नाट्यम में नाच क्रम ए तरह से होला। आलारिपु - ए भाग में कविता(सोल्लू कुट्टू) रहेला। एकरीये छंद में आवृति होला।[2]

जातीस्वरम - इ भाग कला ज्ञान क परिचय दिहले क होला एमें नर्तक आपन कला ज्ञान क परिचय देला लो। ए भाग में स्वर मालिका की साथ राग रूप प्रदर्शित होला जवन की उच्च कला क मांग करेला।[3]

शब्दम - इ तीसरे नम्बर का भाग होला। सब अंश में इ भाग सबसे आकर्षक भाग होला। शब्दम में नाट्यभावन क वर्णन कइल जाला।[4] एकरी खातिर बहुविचित्र तथा लावण्यमय नाच पेश कके नाट्यभाव क वर्णन कइल जाला।

सिनेमा में

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  1. पट्टम भारथमुम (तमिल)
  2. थिलाना मोहनम्बल (तमिल)
  3. सलंगाई ओली (तमिल)
  4. सेंथमरे (तमिल; 1962)
  5. Mayuri (film)|Mayuri (तेलगु)
  6. मनिचिर्रतजु (मलयालम; 1993)
  7. कामलदलम (मलयालम)
One movement in the Bharatanatyam by Rama Vaidyanathan at the Guimet Museum (2009).
  1. Peter J. Claus; Sarah Diamond; Margaret Ann Mills (2003). South Asian Folklore: An Encyclopedia. Routledge. p. 136. ISBN 978-0-415-93919-5.
  2. Brenda P McCutchen (2006). Teaching Dance as Art in Education. Human Kinetics. pp. 450–452. ISBN 978-0-7360-5188-0.
  3. T Balasaraswati (1976), Bharata Natyam, NCPA Quarterly Journal, Volume 4, Issue 4, pages 1-8
  4. Kapila Vatsyayan (1997). The Square and the Circle of the Indian Arts. Abhinav Publications. p. 81. ISBN 978-81-7017-362-5.

ग्रंथ सूची

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