'''मोहनदास करमचन्द गांधी''' ([[गुजराती]]: મોહનદાસ કરમચંદ ગાંધી, (2 अक्टुबर 1869 से 30 जनवरी 1948) इहाँ के '''महात्मा गांधी''' नाम से भी जानल जायेनी। [[भारत]] [[देश]] के स्वतन्त्र करावे में इहाँ के बहुत बड़ योगदान रहल। जब सारा दुनिया आपस मे युद्ध कर कर के मरत रहल तब बापु दुनिया के [[सत्य]] आ [[अहिंसा]] के रस्ता पर चले के प्रेरित करत रहनी आ बर्बादि के कगार पर खड़ भईल [[दुनिया]] के बतईनी कि मार-काट से कुछो हासिल ना होइ। [[प्रेम]] के मर्म के मतलब दुनियावालन के बता गईनी।
भारत देश त इनकर ऋणी रहबे करी। उहाँ [[गुलाम|गुलामी]],जाति आ [[गरीब|गरीबी]] के कुचक्र में फँसल भारत के [[पिता]] बन के उद्धार कईनी।