मोबाइल फोन: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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१९०८ में, {{US patent|887357}} एक वायरलेस टेलीफोन क [[नेथन स्टब्बलफील्ड|नाथन बी स्टब्ब्लफील्ड]] मूर्रे, केंटकी खातिर जारी करल गईल रहल। उहाँ के इ पेटेंट से "रेडियो टेलीफोन क निपात" क आवेदन कईले रहनी आ सीधे [[सेल्युलर टेलीफोनी|सेलुलर टेलीफोन]] क खातिर नाहीं जैसन वर्तमान में समझल जायेला। <ref>{{cite journal |url=http://wgbush.com/splncs/splncs15.pdf |format=PDF |title=Special History Issue |journal=Speleonics 15 |volume=IV |issue=3 |month=October | year=1990}}</ref> [[AT&amp;T]] के [[बेल लेबोरेटरीज]] क इंजीनियरन द्वारा मोबाइल फोन बेस स्टेशन खातिर सेल क आविष्कार १९४७ में करल गईल रहल आ १९६० क दशक क दौरान बेल लेबोरेटरीज इ के आगे विकसित कईलन। [[Radiophone|रेडियोफोन]] क एक लंबा आ विविध इतिहास बा जौन [[रेजीनाल्ड फेस्सेनडेन|रेगिनाल्ड फेस्सेंडेन]] क आविष्कार आ रेडियो टेलीफोनी क पूरा प्रदर्शन तक जायेला, [[द्वितीय विश्व युद्ध]] आ १९५० के दशक में सिविल सेवा क दौरान सेना में रेडियो टेलीफोनी लिंक क उपयोग होत रहल, जबकि हाथ क सेलुलर रेडियो उपकरण १९७३ क बाद से उपलब्ध बा। जैसे की हमनी क आज जानत बानी जा, ओहायो, यूक्लिड के [[जॉर्ज स्वेईगर्ट|जॉर्ज स्वेइगर्ट]] क १० जून, १९६९ में पहिले वायरलेस फोन क [http://www.google.com/patents?id=sidyAAAAEBAJ&amp;dq=george+sweigert अमेरिका में पेटेंट नंबर ३४४९७५०] जारी करल गईल रहल।
 
१९४५ में, मोबाइल टेलीफोन क शून्य पीढ़ी [[0G|(0G)]] शुरू करल गईल रहल। उ समय क अन्य तकनीकन के तरह, इ में एकल, शक्तिशाली बेस स्टेशन शामिल रहल, जौन एक व्यापक क्षेत्र के कवर करत रहल, आ प्रत्येक टेलीफोन प्रभावी रूप से एक चैनल के पूरे क्षेत्र पर एकाधिकार करत रहल। आवृत्ति क पुनः प्रयोग आ अंतरण क अवधारणा, तथा अन्य अवधारणन क संख्या जौन आधुनिक सेल फोन तकनीक के गठन क आधार ह, उ के {{US patent|4152647}} में सबसे पहिले वर्णित करल गईल रहल, जौन चार्ल्स ए. गलैड़न आ मार्टिन एच. पैरेलमन के १ मई, १९७९ में जारी करल गईल, दुनों ही [[लास वेगास, नेवाडा]] के रहल आ उनके द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका क सरकार क सौंपल गईल रहल।
 
ई सभे अवधारणन क पहिला अवतार ह जौन [[मोबाइल टेलीफोनी]] में अगिला बड़ कदम, एनालॉग सेल्युलर टेलीफोन के गठन के आधार बनल। इ पेटेंट में शामिल अवधारणन के (कम से कम ३४ अन्य पेटेंटन में उद्धृत) बाद में कई उपग्रह संचार प्रणाली में विस्तारित करल गईल रहल। बाद में सेलुलर प्रणाली से डिजिटल प्रणाली में अद्यतन, इ पेटेंट के क्रेडिट देवेला।
 
एक [[Motorola|मोटोरोला]] अनुसंधानकर्ता आ शासनात्मक,[[मार्टिन कूपर (आविष्कारक)|मार्टिन कूपर]], के व्यापक रूप से अनु वाहन सेटिंग में हाथ के उपयोग खातिर पहला व्यावहारिक मोबाइल फोन के आविष्कारक मानल जयेला। [[१७ अक्टूबर]], [[१९७३]] में "रेडियो टेलीफोन प्रणाली" में [[संयुक्त राज्य अमेरिका पेटेंट आ ट्रेडमार्क कार्यालय|अमेरिका के पेटेंट कार्यालय]] के द्वारा कूपर के आविष्कारक घोषित करल गईल आ बाद में अमेरिका पेटेंट ३९०६१६६ जारी करल गईल रहल।
एक आधुनिक, कुछ भारी वहनीय चोगा के प्रयोग करके, कूपर ३ अप्रैल, १९७३ के [[बेल लेबोरेटरीज]] के एक प्रतिद्वंद्वी डा. [[योएल एस. एंगेल]] के एक हाथ के मोबाइल फोन पर पहिला बार फोन कईलन।
 
१९७९ में, [[निप्पॉन टेलीग्राफ और टेलीफोन|NTT]] द्वारा जापान में पूरा शहर में पहिला वाणिज्यिक सेलुलर नेटवर्क शुरू करल गईल रहल। पूरी तरह से स्वचालित सेलुलर नेटवर्क के पहिला बार १९८० के दशक के शुरू से मध्य तक ([[१G]] पीढ़ी) शुरू करल गईल। १९८१ में [[नॉर्डिक मोबाइल टेलीफोन]] (NMT) प्रणाली [[डेनमार्क]], [[फिनलैंड]], [[नार्वे]] आ [[स्वीडन]] में शुरू भईल रहल।
[[चित्र:Mobile phone PHS Japan 1997-2003.jpg|thumb|left|निजी हाथ-फोन प्रणाली मोबाइलन आ [[जापान]] में १९९७-२००३ के आसपास प्रयुक्त भईल मॉडेम]] १९८३ में, [[मोटोरोला ड्य्नाTAC]], संयुक्त राज्य अमेरिका में [[संघीय संचार आयोग|FCC]] के द्वारा अनुमोदित पहिला मोबाइल फोन रहल। १९८४ में, [[बेल लेबोरेटरीज]] द्वारा आधुनिक व्यावसायिक सेलुलर प्रौद्योगिकी के विकसित करल गईल (ज़्यादातर गलैड़न के, पैरेलमन पेटेंट पर आधारित), जौन एकाधिक केन्द्र नियंत्रित बेस स्टेशनन (सेल साइटों) के नियोजित करले, प्रत्येक छोट क्षेत्र (एक सेल) के सेवा उपलब्ध करत रहल। सेल साइट इ तरह से स्थापित भइल कि सेल आंशिक रूप से अतिच्छादन करत रहले। एक सेलुलर प्रणाली में, एक बेस स्टेशन (सेल साइट) आ एक टर्मिनल (फोन) के बीच सिग्नल केवल इतना प्रबल होवे के चाही की उ इ दुनों के बीच पहुँच सके, ताकि विभिन्न कोशिकाअन में बातचीत के अलग करे खातिर उहे चैनल एक साथ इस्तेमाल किरल जा सके।
 
सेलुलर प्रणालि के कई प्रौद्योगिकी उछाल के आवश्यकता रहल, [[देना|हवाले]] सहित, जेसे मोबाइल फोन के सेल के बीच कूच करते हुए बातचीत जारी रखे के गुंजायश रहल। इ प्रणाली में बेस स्टेशनन आ टेलीफोन दुनों में चर संचरण शक्ति शामिल बा (बेस स्टेशनन द्वारा नियंत्रित), जौन रेंज आ सेल के आकार में भिन्न संभव बनवलस। जब इ प्रणाली में विस्तार आ क्षमता के निकट पहुंचल, विद्युत पारेषण के कम करे के क्षमता द्वारा नया कोशिका के जुड़ल मुमकिन बनल, जे के परिणाम अधिक, छोट कोशिका आ इ प्रकार अधिक क्षमता। इ वृद्धि क सबूत के अभी भी कई पुरान में, लंबा सेल साइट टावरन पर देखल जा सकत बा जौन टावरन के ऊपरी हिस्से पर कौनो एंटीना ना रहल। इ साइट द्वारा मूलतः बड़ बड़ कोशिका बनल, आ इहे खातिर उके एंटीना ऊंच टावरन के ऊपर स्थापति रहल; टॉवर इ तरह से डिजाइन करल गईल रहल ताकि प्रणाली के विस्तार होखे-सेल के आकार सिकुड़ सकें- एंटीना के कम करल जा सकत बा उनके मूल मस्तूल पर सीमा के कम करे खातिर।
[[चित्र:GSM-Telefone-1991.jpg|thumb|एक १९९१ GSM मोबाइल फोन]]डिजिटल [[२G]] (दूसरी पीढ़ी) सेलुलर प्रौद्योगिकी पर पहिला "आधुनिक" नेटवर्क प्रौद्योगिकी १९९१ में [[फिनलैंड]] मे
 
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