इतिहास: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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<nowiki>[[चित्र:Mohenjodaro Sindh.jpeg|thumb|right|260px|सिन्ध में मोहेन्जोदाड़ो में हड़प्पा संस्कृति के अवशेष]]</nowiki>
इति+हास (ऐसा हुवा था) अर्थात ऐसी घटनाए जो भूतकाल मे घटित हुवी थी इतिहास कहलाती है |
<nowiki>'''इतिहास'''</nowiki> शब्द के प्रयोग विशेषत: दुई अर्थन में करल जायेला। एक बा प्राचीन अथवा विगत काल के घटनाकु ल आ दूसर उ घटना कुल के विषय में धारणा। इतिहास शब्द (इति + ह + आस ; अस् धातु, लिट् लकार अन्य पुरुष तथा एक वचन) तात्पर्य बा "ई निश्चित रहल"। <nowiki>[[ग्रीस]]</nowiki> के लोग इतिहास खातिर "हिस्तरी" (history) शब्द के प्रयोग करत रहले। "हिस्तरी" के शाब्दिक अर्थ "बुनना" रहल। अनुमान अईसन होत बा कि ज्ञात घटनावन के व्यवस्थित ढंग से बुनकर के अईसन चित्र उपस्थित कईल जाव जवन सार्थक आ सुसंबद्ध लगे।
==इतिहास के साक्ष्य==
 
* [[लिखित पुस्तके]]
इ प्रकार से इतिहास शब्द के अर्थ बा - परंपरा से प्राप्त उपाख्यान समूह (जैसे कि <nowiki>[[लोक कथा सब]]), वीरगाथा (जैसे कि [[महाभारत]]) या ऐतिहासिक साक्ष्य।<ref>{{cite book |last=आप्टे |first= वामन शिवराम|title= संस्कृत हिन्दी कोश|year= 1969 |publisher= मोतीलाल बनारसीदास|location= दिल्ली, पटना, वाराणसी भारत|id= |page= 174|editor: वामन शिवराम आप्टे|accessday= 27|accessmonth=जुलाई| accessyear=2007}}</ref></nowiki> इतिहास के अंतर्गत हमनी के जवन विषय के अध्ययन करेली सब उ में अब तक घटित घटनावन या उ से संबंध रखे वाला घटनावन के कालक्रमानुसार वर्णन होखेला।<nowiki><ref>{{cite book |last=प्रसाद |first= कालिका|title= बृहत हिन्दी कोश|year= 2000 |publisher= ज्ञानमंडल लिमिटेड|location= वाराणसी भारत|id= |page= 147|editor: राजबल्लभ सहाय, मुकुन्दीलाल श्रीवास्तव|accessday= 27|accessmonth=जुलाई| accessyear=2007}}</ref></nowiki> दूसर शब्दन में मानव के विशिष्ट घटनवन के नाम ह इतिहास।<nowiki><ref>{{cite book |last=नाहर |first= डॉ रतिभानु सिंह|title= प्राचीन भारत का राजनैतिक एवं सांस्कृतिक इतिहास |year= 1974 |publisher= किताबमहल|location= इलाहाबाद, भारत|id= |page= 1|editor: |accessday= 27|accessmonth=जुलाई| accessyear=2007}}</ref></nowiki> या फिर प्राचीनता से नवीनता के ओर आवे वाला, मानवजाति से संबंधित घटनवन के वर्णन इतिहास ह।<nowiki><ref name="Whitney">Whitney, W. D. (1889). [http://books.google.com/books?id=wrACAAAAIAAJ The Century dictionary; an encyclopedic lexicon of the English language]. New York: The Century Co. Page [http://books.google.com/books?id=wrACAAAAIAAJ&printsec=frontcover#PPA2842,M1 2842]|language=अंग्रेज़ी</ref></nowiki> इ घटना सब आ ऐतिहासिक साक्ष्यन के तथ्य के आधार पर प्रमाणित करल जायेला।
* [[अभीलेरव]]
 
* [[सिक्के]]
== इतिहास के साक्ष्यआधार आ स्रोत ==
* [[इमारते]]
इतिहास के मुख्य आधार युगविशेष आ घटनास्थल के उ अवशेष हवे जा जवन कौनौ ना कौनो रूप में प्राप्त होखेला। जीवन के बहुमुखी व्यापकता के कारण स्वल्प सामग्री के सहारे विगत युग अथवा समाज के चित्रनिर्माण करल दु:साध्य बा। सामग्री जेतने अधिक हो जायेला ओही अनुपात से बीतल युग तथा समाज के रूपरेखा प्रस्तुत करल साध्य हो जायेला। पर्याप्त साधनन के होते हुए भी ई नईखे कहल जा सकत बा कि कल्पनामिश्रित चित्र निश्चित रूप से शुद्ध या सत्य ही होखी। एहिसे उपयुक्त कमी के ध्यान रखके कुछ विद्वान् कहेलन जा कि इतिहास के संपूर्णता असाध्य जईसन बा, फिर भी यदि हमनी के अनुभव आ ज्ञान प्रचुर होई त, ऐतिहासिक सामग्री के जाँच-पड़ताल से हमानी के कला तर्कप्रतिष्ठत होखे आ कल्पना संयत आ विकसित होखे त अतीत के हमनी के चित्र अधिक मानवीय आ प्रामाणिक हो सकत बा। सारांश ई बा कि इतिहास के रचना में पर्याप्त सामग्री, वैज्ञानिक ढंग से उ का जाँच, उ से प्राप्त ज्ञान के महत्व बुझे के विवेक के साथ ही साथ ऐतिहासक कल्पना के शक्ति तथा सजीव चित्रण के क्षमता के आवश्यकता बा। याद रखे के चाहिं कि इतिहास ना त साधारण परिभाषा के अनुसार विज्ञान ह आ ना केवल काल्पनिक दर्शन या साहित्यिक रचना ह। इ सबके यथोचित संमिश्रण से <nowiki>[[इतिहास]]</nowiki> के स्वरूप रचल जायेला।
* [[कलाक्रति]]
 
* [[किवद्न्तीया]]
इतिहास न्यूनाधिक ओही प्रकार के सत्य ह जईसन विज्ञान आ दर्शनन के होखेला। जवन प्रकार विज्ञान अ दर्शनन में हेरफेर होखेला ओही प्रकार इतिहास के चित्रण में भी होखत रहेला। मनुष्य के बढ़ते हुए ज्ञान आ साधनन के सहायता से इतिहास के चित्रन के संस्कार, ओकर पुरावृत्ति आ संस्कृति होत रहेला। प्रत्येक युग आपन आपन प्रश्न उठावेला आ इतिहास से ओकर समाधान खोजत रहेला। एहिसे प्रत्येक युग, समाज अथवा व्यक्ति इतिहास के दर्शन आपन प्रश्नन के दृष्टिबिंदुवन से करत रहेला। यह ई सब होते हुए भी साधनन के वैज्ञानिक अन्वेषण तथा निरीक्षण, कालक्रम के विचार, परिस्थिति के आवश्यकतन तथा घटनवन के प्रवाह के बारीकी से छानबीन आ उ से परिणाम निकाले में सर्तकता आ संयम के अनिवार्यता अत्यंत आवश्यक बा। उ के बिना ऐतिहासिक कल्पना आ कपोलकल्पना में कोई भेद ना रह जाई।
* [[भोज-पत्र]]
 
== संदर्भ ==
<nowiki><references/></nowiki>
 
== एहु के देखल जाव ==
<nowiki>* [[भारत के इतिहास]]</nowiki>
* [[नेपाल के इतिहास]]
 
== बाहरी कड़ि सब ==
<nowiki>* [http://www.pravakta.com/?p=5095 इतिहास के इतिहास की भारतीय दृष्टि]</nowiki> (हृदयनारायन दीक्षित)
<nowiki>* [http://hindi.webdunia.com/samayik/article/article/0911/22/1091122022_1.htm इतिहास की जरूरत किसे है?]</nowiki> (वेबदुनिया)
<nowiki>* [http://edurss.ru/cgi-bin/db.pl?cp=&page=Book&id=53185&lang=en&blang=en&list=Found History & Mathematics: Historical Dynamics and Development of Complex Societies]. Moscow: KomKniga, 2006. ISBN 5-484-01002-0</nowiki>
<nowiki>* [http://profile.iiita.ac.in/IIT2006065/7th%20sem%20project/project/hin_corp_unicode/hin_corp_unicode/609_utf.txt इतिहास की प्रकृति]</nowiki>
<nowiki>* [http://hittisaba.blogspot.com/2009/01/hindi-mein-itihas_23.html हिन्दी में इतिहास लेखन (1864-1930); कुछ संदर्भ]</nowiki> (हितेन्द्र पटेल, इतिहास विभाग, रवीन्द्र भारती विश्वविद्यालय, कोलकाता)
<nowiki>* [http://sites.google.com/site/itihasabharati/ इतिहासभारती]</nowiki>
<nowiki>* [http://books.google.co.in/books?id=TIegX0hi1SEC&printsec=frontcover#v=onepage&q&f=false जो इतिहास में नहीं है]</nowiki> (गूगल पुस्तक ; लेखक - राकेश कुमार सिंह, भारतीय ज्ञानपीठ)
<nowiki>* [http://sites.google.com/site/shubhdaprakashan/home शुभदा प्रकाशन]</nowiki> (हिन्दी भाषा में भारत की पहली इतिहास-शोध वैबसाइट)
<nowiki>[[श्रेणी:इतिहास]]</nowiki>
[[Category:इतिहास]]
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