इलाहाबाद के इतिहास: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर
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सन १८६६ ई. में इलाहाबाद में [[इलाहाबाद हाइकोर्ट|हाइकोर्ट]] के अस्थापना भइल आ ठीक बाद में एक साल खातिर आगरा भेज दिहल गइल लेकिन फिर १८६८ ई. में वापस इलाहाबाद आ गइल आ तब से इहंवे बा। सन १८८७ ई. में म्योर सेन्ट्रल कालेज के [[इलाहाबाद विश्विद्यालय]] की रूप में मान्यता दिहल गइल आ ई भारत क चौथा सभसे पुरान विश्विद्यालय बनल।
[[File:Gandhi Patel 1940.jpg|thumb|left| [[महात्मा गाँधी]], जनवरी १९४० में [[आनंद भवन]] में कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में; बाएँ [[विजयलक्ष्मी पंडित]] आ दाहिने [[सरदार पटेल]]]]
प्रथम स्वतंत्रता संघर्ष में इलाहाबाद के महत्वपूर्ण योगदान रहे। इहँवा ग़दर के नेतृत्व [[मौलवी लियाक़त अली]] कइलें। इहाँ ६ जून १९५७ के बगावत शुरू भइल आ जल्दिये बागी सिपाही आ जनता रेलवे आ टेलीग्राफ पर कब्ज़ा क लिहलें। [[दारागंज]] में नाव की पुल पर बागी लोगन क कब्ज़ा हो गइल। मौलवी साहब, जेवन स्कूल के अध्यापक रहलें खुसरू बाग़ से आपन कमान सम्भाले शुरू कइलें। लगभग एक हफ्ता बाद १२ जून के कर्नल नील के पलटन बनारस से इहँवा पहुँचल आ दारागंज क पुल पर आपन कब्जा वापस लिहलस। एकरी बाद शहर में लड़ाई भइल आ तब मौलवी साहब अपनी लोगन की साथ शहर छोड़ के बाहर से लड़ाई करे लगलन। अंग्रेज सेना शहर पर वापस कब्ज़ा कइला की बाद लोगन पर बहुत अत्याचार कइलस। समदाबाद आ रसूलपुर नाँव क दू गो गाँव त पूरा क पूरा जरा दिहल गइलन। एही गाँवन की ज़मीन पर [[कंपनी बाग|अल्फ्रेड पार्क]] के निर्माण भइल जेवना के आजकाल [[
भारत की [[
आज़ादी की लड़ाई में इलाहाबाद के नेता लोगन क लिस्ट भी बहुत लंबा बा। ए में से प्रमुख लोग रहे पं॰ अयोध्या नाथ, सुरेन्द्र नाथ सेन, पं॰ [[मदन मोहल मालवीय]], [[मोतीलाल नेहरू]], [[पुरुषोत्तम दास टंडन]], सी॰ वाई॰ चिंतामणि, हृदय नाथ कुंजरू, तेजबहादुर सप्रू, [[जवाहरलाल नेहरू]] इत्यादि। सुन्दरलाल आ मनाज़िर अली सोख्ता क्रांतिकारी दल क सदस्य रहे लोग। महान क्रन्तिकारी [[चंद्रशेखर आजाद]] इहँवे अल्फ्रेड पार्क में शहीद भइलें आ उनकी नाँव पर अब ए पार्क के [[कंपनी बाग|चंद्रशेखर आजाद पार्क]] कहल जाला।
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