महेन्द्र संस्कृत विश्वविधालय: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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महेन्द्र संस्कृत विश्वविधालय (हाल नेपाल संस्कृत बनाइलगैल) [[नेपाल]]का दुसरा पुरान विश्वविधालय ह व यि विश्वविधालय काठमान्डौ उपत्यका बाहीर स्थापित पहिला विश्वविधालय भि बा । दाङ जील्लाके [[त्रिभुवननगर]] के लगवा स्थापित यस विश्वविधालय 1986मे स्थापना भइल ह । संस्कृत शिक्षाका उच्च तह आयुर्बेद, तथा आधुनीक शिक्षामे समेत पढाइ भइलरहल इस विश्वविधालयका काठमान्डौ कार्यालय बसन्तपुर मा बा ।
 
धनुषाजिल्लाके जनकपुर क्याम्पसमे मुस्लिम समुदायके कुछ विद्यार्थील संस्कृतकी पढाइ सुरु कैल महेन्द्र संस्कृत विश्वविद्यालय परीक्षा नियन्त्रण कार्यालय जानकारी देलेबा । इस विश्वविद्यालयअर्न्तर्गतके १२ क्याम्पसमे संस्कृततर्फ करिब ३ हजार ५ सय विद्यार्थी बाटे। वकरमे दलित जनजाति करिब २० प्रतिशत बाटे । अध्ययनार्थीमे छात्राकी प्रतिशत करिब ४० ब । सोलुखुम्बु जिल्लामे संस्कृत पढैयामे करिब २५ प्रतिशत दलित बाटे । बिजौरी, [[त्रिभुवननगर]]दाङमे २० विद्यार्थी [[थारू]] तथा दलित बाटे । केन्द्रीय विद्यापीठ बेलझुन्डी, [[त्रिभुवननगर]]मे मोहन थारू व एक कुमालजातके युवा संस्कृतमे आचार्य कैलेवाने ।
 
विशेष सुविधा
 
संस्कृत पढेवाले ब्रँह्मण-क्षत्री समुदायका छात्रको प्रतिमहिना ४ सय ५० रुपैया“ दियाजाला। उक्त समुदायका छात्रा मासिक ५ सय पावेले। दलित व जनजातिका छात्रछात्राको मासिक १ हजार छात्रवृत्ति दियलगैलबा । बाहिरी जिल्लाका का विधार्थीका खातिर छात्रावासका समेत सुविधा दियलजाला ।
 
 
 
श्रोत : www.msu.edu.np, http://en.wikipedia.org/wiki/Mahendra_Sanskrit_University
 
 
[[category:नेपाल]]
[[category: नेपालका विश्वविधालय]]