कैथी: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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कैथी के पुराना समय में बिस्तार के प्रमाण सुदूर पूरुब में [[आसाम]] ले मिलल बाटे। मगध क्षेत्र के संत आ सिद्ध लोग के दैनिक बेह्वार के लिखाई भी कैथी रहल। मगध से बंगाल आ आसाम ले भक्ति आंदोलन के समय के रचना सभ के लिखे खातिर एह लिपि के इस्तेमाल के भी प्रमाण मिले ला। इहो कहल जाला कि आसाम के वर्तमान भाषा आ लिपि के बिकास में कैथी के योगदान रहल बाटे।<ref name="Agravāla2004">{{cite book|author=Saroja Agravāla|title=Hindī ke janajātimūlaka upanyāsoṃ kī samājaśāstrīya cetanā aura usakā aupanyāsika pratiphalana|url=https://books.google.com/books?id=YduyZu4rAl0C&pg=PA115|year=2004|publisher=Star Publications|isbn=978-81-85244-86-0|pages=115–}}</ref>
 
[[मैथिली]] भाषा के लिखे खातिर, आधुनिक काल में ले एह लिखाई के इस्तेमाल होखे के प्रमाण बाटे।<ref name="Choudhary1976">{{cite book|author=Radhakrishna Choudhary|title=A Survey of Maithili Literature|url=https://books.google.com/books?id=C0f898HDLAYC&pg=PA23|year=1976|publisher=Ram Vilas Sahu|isbn=978-93-80538-36-5|pages=23–}}</ref> ग्रियर्सन महोदय अपना खोज में ई पवलें कि मैथिलि लिखे खातिर (ओह समय तत्काल में) तीन गो प्रमुख लिपि इस्तेमाल मे रहल - मैथिली या तिरहुता के इस्तेमाल मिथिला के उच्च बर्ग के लोग करे, कैथी के प्रयोग पूरा उत्तर भारत के पढ़ल-लिखल मानल जाए वाला लोग करे आ तीसरी देवनागरी के प्रयोग बनारस के हिंदी समर्थक लोग द्वारा परचारित हो रहल रहे।<ref name="Brass2005">{{cite book|author=Paul R. Brass|title=Language, Religion and Politics in North India|url=https://books.google.com/books?id=SylBHS8IJAUC&pg=PA67|year=2005|publisher=iUniverse|isbn=978-0-595-34394-2|pages=67–}}</ref> वर्तमान में मैथिली के लिखे खातिर देवनागरी के प्रयोग हो रहल बा आ तिरहुता आ कैथी के चलन लगभग समाप्त हो चुकल बाटे।
 
ब्रिटिश शासन के समय हिंदी/नगरी बिस्तार आ परचार के प्रयास चालू भइल आ फ़ारसी लिखाई के हटा के नागरी के ऑफिशियल दर्जा दियवावे के खातिर ई तर्क दिहल गइल कि नगरी लिखाई ढेर चलन में बाटे। हालाँकि, ओह समय एह बात के एकदम अनदेखी कइल गइल कि कैथी लिखाई नागरी से भी ढेर प्रचलन में रहल।<ref name="Rai2001">{{cite book|author=Alok Rai|title=Hindi Nationalism (tracks for the Times)|url=https://books.google.com/books?id=fmnpssOM_3kC&pg=PA51|year=2001|publisher=Orient Blackswan|isbn=978-81-250-1979-4|pages=51–}}</ref> जब फ़ारसी लिखाई के हटावे के बात चलल तब प्रसिद्द व्याकरणबिद नेसफ़ील्ड कैथी के समर्थन कइलेन। कैम्पबेल के समय में १८७३ में जब बिहार से फारसी लिखाई के ऑफिशियल दर्जा हटावे के बात चलल तबो शिक्षा आयोग के दिहल अपने रपट (१८८३-८४) मे बंगाल प्रोविंसियल कमेटी कैथी लिपि के प्रस्ताव कइलस।<ref name="Rai2001" /> हालाँकि, हिंदी/नागरी समर्थक लोग के ई ना स्वीकार भइल। एह लोग के नजर में देवनागरी आ हिंदी, संस्कृत पर ढेर आश्रित रहले के कारण, ढेर शुद्ध लागल। १९१२ में आरा के नागरी प्रचारिणी सभा सरकार से नगरी लिपि के इस्तमाल के प्रस्ताव कइलस।<ref name="Rai2001" />
 
==वर्तमान दसा==
"https://bh.wikipedia.org/wiki/कैथी" से लिहल गइल