हिन्दू के धर्म ग्रन्थ [[शिव पुराण|शिव पुरान]] के कथा अनुसार जब देवी पार्बती के पिता महाराज [[हिमालय (हिंदू कथा)|हिमालय]] अपना पुत्री [[पार्वती]] के बिबाह भगवान बिष्णु से जब करे के तैयार भईलेभइले तब यी बात पार्वती के न जँचल | उ शिव के अपना पति के रूप में प्राप्त करे खाती जंगल में जा के तपस्या करे लगली। जब पार्वती के तपस्या १०० बरस पूरा हो गईल तब भी भोले नाथ दर्शन ना दिहनि तब पार्वती शिव लिंग के स्थापना कर के निराहार ब्रत- उपास से शिव के आराधना कईली तब शिव, पार्वती के कठोर तप देख के मनचाहा बरदान देवे के राजी हो गईले। तब पार्वती शिव के अपना पति के रूप में मंगलि आ कहली की हे नाथ आज हरितालिका के दिन जे भी मेहरारू राउर जवना भी कामना से पूजा करसु उनको पूरा करब। एह प्रकार से शिव पार्वती के बिआह भइल। आ हिन्दू धर्म में तीज के त्यौहार शुरू भईल।भइल।