कैलेंडर: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

Content deleted Content added
छो →‎संदर्भ: आधार लेख छँटाई using AWB
छो अंक बदलाव/चर्चा-वि:चौपाल (oldid=442074)
लाइन 1:
[[File:Hindu calendar 1871-72.jpg|thumb|right|250px|[[राजस्थान]] से मिलल एगो भारतीय (हिन्दू) कैलेण्डर (१८७१1871-७२72 ई॰)]]
'''कैलेण्डर''' चाहे '''कलेंडर''' समय की गणना के व्यवस्थित कइला क साधन हवे जेवना में दिन हफ्ता आ साल में बाँट के समय क हिसाब रक्खल जाला। [[तिथि]] कौनों एगो दिन क पहिचान कइले क साधन हवे। दूसरा तरीका से कहल जाय त तिथि कौनो दिन विशेष क नाँव हवे।
 
लाइन 13:
पत्रा चाहे पंचांग से तिथि, वार, नक्षत्र, योग आ करण क हिसाब रक्खल जाला। पाँच चीज क गणना कइले की कारन एके पञ्चांग कहल जाला। हिन्दू पंचांग में शक संवत आ विक्रमी संवत क प्रयोग साल की गिनती खातिर होला।
 
हिन्दू पंचांग सूर्य आ चंद्रमा दूनो पर आधारित गणना करेला। हिन्दू महीना चंद्रमा की कला पर आधारित होला आ एक पुर्नवासी (पूरणमासी या पूर्णिमा) से आगिला पुर्नवासी ले होला। महीना के दू गो पाख में बाँटल जाला। जवना हिस्सा में चन्द्रमा बढ़त रहे ला (अमवसा से पुर्नवासी ले) ओके अँजोरिया चाहे शुक्लपक्ष कहल जाला। जेवना हिस्सा में चंद्रमा घटे लागे ला (पुर्नवासी कि बाद से अमावसा ले) ओके अन्हरिया या कृष्णपक्ष कहल जाला। एगो पाख १३13-१५15 दिन क होला।
 
पाख में एक्कम, दुइज, तीज, चउथ, पंचिमी, छठ, सत्तिमी, अष्टिमि, नवमी, दसमी, एकादशी, दुआदसी (द्वादशी), तेरस, चतुर्दशी, आ पुर्नवासी/अमौसा (अमावस्या) तिथि होले। एगो तिथि क समय ओतना होला जेतना देर में चंद्रमा की गति की कारन, चंद्रमा आ सूर्य की बिचा में बारह अंश बीत जाय। चंद्रमा पृथ्वी क चक्कर दीर्घवृत्तीय रास्ता पर लगावेला एही से कबो ई १२12 अंश क दूरी जल्दी तय हो जाले आ कबो ढेर समय लागेला आ तिथि छोट-बड़ होत रहेलिन। अमावसा कि अंत आ अँजोरिया की एक्कम क शुरुआत होले जब सूर्य आ चंद्रमा की बिचा में शून्य अंश क कोण बनेला। पुर्नवासी के ई कोण १८०180 अंश हो जाला मने पृथ्वी सूर्य आ चंद्रमा की बिचा में होले।
 
हिन्दू महीना क नाँव क्रम से चइत, बइसाख, जेठ, असाढ़, सावन, भादो, कुआर, कातिक, अगहन, पूस, माघ, आ फागुन होला।