नोहकलिकाई: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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'''नोहकलिकाई''' भारत के [[मेघालय]] राज्य में मौजूद [[झरना]] बाटे। ३४०340&nbsp;मीटर (१११५1115&nbsp;फीट) ऊँचाई वाला<ref>{{cite web | url=http://www.worldwaterfalldatabase.com/waterfall.php?num=766 | title=नोहकलिकाई झरना | work=World Waterfall Database | accessdate=01 जून 2016}}</ref> ई झरना भारत के सबसे ऊँच (सिंगल ड्रॉप) झरना बाटे।<ref>सिंगल ड्रॉप के मतलब अइसन झरना जवना में पानी सीढ़ीदार रूप में कई बेर में सीढ़ी नियर चीज बनावत न गिरे बलुक एकही बेर में कगार से सीधे डुबकी झील में आ गिरे।</ref><ref>{{cite web | url=http://www.worldwaterfalldatabase.com/country/India/ | title=नोहकलिकाई झरना | work=World Waterfall Database | accessdate=2012-05-06}}</ref> ई दुनिया के चउथा सभसे ऊँच सिंगल ड्राप झरना भी बतावल जाला।<ref>{{cite book|title=India Handbook|url=http://books.google.com/books?id=JB4wAQAAIAAJ|year=2002|publisher=Trade & Travel Publications}}</ref>{{sfn|Sunita Pant Bansal|2005|p=155}}
 
ई झरना पृथ्वी पर मौजूद सभसे नम स्थान में से एक, [[चेरापूँजी]] (जवना के अब सोहरा कहल जाला) के लगे मौजूद बाटे।<ref>http://hindi.china.com/travel/info/1157/20140203/29698_1.html</ref> झरना के पानी के स्रोत बरखा के पानी बाटे जवन एकरा ऊपरी हिस्सा में मौजूद एगो छोट पठारी हिस्सा पर एकट्ठा होला आ एही से ई झरना दिसंबर-फरवरी के बीच के सूखा वाला सीजन के समय में सिकुड़ जाला आ पानी के बहाव कम हो जाला। झरना के नीचे एगो हरियर रंग के पानी के डुबकी पूल वबनल बाटे।<ref name="Wondermondo" /> सूखा के सीजन के तुलना में मानसून के समय झरना के बेग लगभग २०20 गुना बढ़ जाला।{{sfn|Michael Benanav|2013|p=}}
 
== कथा ==
[[File:Nohkalikai Falls India.jpg|thumb|left|230px|१८५४1854 में नोहकलिकाई]]
"नोहकलिकाई" शब्द के [[खासी भाषा]] में अर्थ होला "का लिकाई के छलांग" आ एकरा साथ एगो कहानी जुड़ल बतावल जाले। किस्सा-कहानी के के मोताबिक गाँव में ''लिकाई'' नाँव के एगो औरत रहत रहल (''का'' औरत खातिर उपसर्ग हवे)। का लिकाई के मरद के मौत तबे हो गइल जब ओकर लड़िकी अबहिन कोरउंस रहल। लिकाई के आपन आ लड़िकी के पेट भरे खातिर कुली के काम करे के परल। कुछ दिन बाद ऊ दूसर बियाह कइलस। काम से लवट के आवे के बाद ओकर सारा समय लड़िकिया के देखभाल करे में बीत जाय। एही से ऊ अपने दुसरा मरद के बहुत धियान न रख पावे। ओकर दुसरा मरदा एही इरखा में एक दिन लड़िकी के मुआ दिहलस। जब का लिकाई साँझ बेरा घरे आइल तब लड़िकी ना मिलल। लिकाई काम से बहुत सिहरा गइल रहल आ सोचलस के लड़िकी कहीं एहरे-ओहर होई आ आ जाई। रसोईं में देखलस कि माँस पका के रखल बाटे तब सोचलस के खा के फिर खोजब। माँस खा पी के जब ऊ पान खाए खातिर पान के डाली उठवलस तब ओह डलिया में लड़िकी के कटाइल अँगुरी मिलल। तब ओकरा के एहसास भइल की ओकरा ना रहले में ओकर मरद लड़िकी के काट के पका दिहलस आ ओही के माँस ऊ खइलसि हऽ। अइसन दुःख आ रीस के मारे लिकाई पागल हो गइल आ एहर-ओहर भागत-दउरत जा अंत में के पहाड़ के कगार से कूद गइल। ओही के चीन्हा ई झरना हवे।<ref name="Wondermondo">{{cite web | url=http://www.wondermondo.com/Countries/As/India/Meghalaya/Nohkalikai.htm | title=Nohkalikai Falls | publisher=Wondermondo | date=2010-08-28 | accessdate=02 जून 2016}}</ref>{{sfn||2003|p=119-}}