फिलिम: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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{{स्रोतहीन|date=सितंबर २०१५2015}}
'''फिलिम''' <small>''({{Lang-en|[[:en:Film|Film]]}})''</small> हिंदी में "चलचित्र" या "सिनेमा", अंग्रेजी में "मूवी" <small>("Moovies")</small> एगो अइसन चीज बा जेवन एक की बाद एक खींचल कई गो फोटो के जल्दी-जल्दी देखावे की कारण मूल दृश्य के दुबारा चलत-फिरत रूप में देखावे के काम करे ले। फ़िल्म (Film) वास्तव में उ रील के कहल जाला जवना पर कवनो चित्र या चलचित्र अंकित होला, ई [[कैमरा]] में प्रयोग करे खाती प्रकाश के प्रति संबेदनशील [[पायस]] आदि पोतल कार्बन प्लास्टिक आदि के समिश्रण से बनल पातर लचकदार पट्टी नियन होला जवना प चित्र अथवा चलचित्र कैमरा से अंकित कइल जाला। एकरा पर तेज प्रकाश के किरण परला प चित्र आगे परदा प दिखाई देला। यदि एक निमेष (आदमी के एक बार आंखि झपके के समय) में ५०50 गो से ज्यादा चित्र एक साथ देखावल जाय त चित्र में चित्रित चरित्र गतिमान लउके लागि लोग मनोरंजन खाती एकरा के देखे जात रहन आ सामान्य बोल चाल के भाषा में फिलिम कहे लागले।
 
==फिलिम के इतिहास==
{{मुख्य|फिलिम के इतिहास}}
[[File:Muybridge race horse animated.gif|left|thumb|300px|कबो कबो १८७८1878 में बनावल ''[[:en:Sallie Gardner at a Gallop|Sallie Gardner at a Gallop]]'' from 1878 के पहिला फिलिम मानल जाला]]
आदम काल में मानव आपन छाया जल में देखि के समय बितावत रहे. कबो अपना चेहरा पर फेंड के पतई मिस के हरियर रग पोतत रहे त कबो जरल पतई के करिखा पोत के अपना के जल में निहारत रहे आ मनोरंजन करत रहे। आपन चेहरा देखे के चाहत आदमी के "सीसा" के खोज करे खाती प्रेरित कइलस।बतावल जाला की सीसा के खोज २५००2500 बरीस ई. पु. मेसोपोटामिया  में बनल रहे लेकिन ई सब सीसा छोट आकर के रहे जवना के सीसा बनावे के प्रयास मात्र कहल जा सकत रहे। बाद में लगभग १५००1500 बरीस ई. पु. मिश्र में सीसा बने लागल रहे। फ़ोटो छवि बनावे में सक्षम पहिला हाली कैमरा से पहले ई 1827 में  एगो करिआ कपडा ओढ़ाके एगो लकड़ी के डिब्बा  के तल में एक फोटोग्राफिक प्लेट डाल के प्रयोग कइले रहन जवन Nicephore Niepce द्वारा आविष्कार कइल गईल रहे। एह प्रकार स्थिर चित्र खिचे के  सुरुआत भइल रहे। बाद में एहि प्रक़र के कैमरा में डोरा बंधी के दौड़त घोडा के चित्र खिचे के प्रयाश कइल गईल ई प्रयास सफल भइल बाद में १८६७1867 ई में अमेरिका में चलचित्र खिचे वाली मशीन जवना के नाम "जूपराक्सीस्कोप" रहे से गतिमान चित्र खिचल गईल रहे ओकरा बाद बहुत तेजी से यह क्षेत्र में बिकाश भइल जापान जर्मनी चाइना भारत चारु ओर बिभिन्न प्रकार के चलचित्र कैमरा और चलचित्र बनावे वाली कंपनी बाजार में आगईलस |१८६२1862 ई में सीसा के टुकड़ा प फोटो सटा के लेंस के सामने से चले वाला छोट मशीन बन गईल रहे। लोग हर पार्टी आदि में एकरा के देखत आ मनोरंजन करत रहे एकरा के "जादू के लालटेन "कहल जात रहे | John Ayrton एगो Thaumatrope नाम के यंत्र बनवले रहन जेकरा में घोडा आ धुड़सवार के चलत चित्र लउकत रहे। सन् १८८५1885 में दू आदमी George-Eastman आ William H. Walker फिलिम के पहिला रील के बिकास कइले ई जिलेटिन पायस पायस के बनल रहे। बाद में स. 1902 में एहि रील के प्रयोग कईके "चन्द्र यात्रा " के फिलिम बनल रहे। फेन १९०३1903  ई में निर्देशक तथा कैमरामैन Edwin S. Porter एगो ट्रेन डकैती के सच्चा घटना प आधारित १०10 मिनट के चलचित्र बनवले रहन जवना के नाम रहे "ग्रेट  ट्रैन  रॉबरी"। १९०५1905 में पहिला ब्यवसायिक फिलिम बनल जवना के नाम रहे 5 सेंट मूवीज़ थियेटर। एकरा बाद १९०७1907 से बहुत अंग्रेजी फिलिम बनली स। भारत में सं १८९६1896 में पहिला Lumiere Brothers से  बम्बई नाम के कला चित्रण भइल रहे। भारतीय सिनेमा में दादा साहेब (देवराम सखाराम भटवडेकर ) के प्रयास के अग्रगण्य मानल जाला। आज भी सिनेमा जगत में दादा एगो सम्मान के शब्द मानल जाला। सं १८९७1897 में हीरालाल सेन द्वारा निर्देशित फिलिम "फारस के फूल " बहुत सफल मानल गईल।
 
==प्रभाव==
"https://bh.wikipedia.org/wiki/फिलिम" से लिहल गइल