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==इतिहास==
'''सिवान जिला''' राज्य में उत्तरी-पश्चिम क्षेत्र में स्थित बा, इ पहिले मूलतः [[सारण जिला]] के उप-मण्डल रहल, जौन प्राचीन काल में [[कोसल|कोसल राजतंत्र]] के हिस्सा रहल।<ref name="autogenerated1">http://siwan.bih.nic.in/District_Profile.aspx</ref> सिवान पूर्ण रूप से तब जिला बन के सामने आईलआइल जब इ के 1976 में सारण जिला से काट के अलग करल गईल।गइल।<ref name='Statoids'>{{cite web | url = http://www.statoids.com/yin.html | title = Districts of India | accessdate = 2011-10-11 | last = Law | first = Gwillim | date = 2011-09-25 | work = Statoids}}</ref>
 
सिवान नाम "शिव मान" से पड़ल जे अहिजा के राजा रहनी, जिनके शासन अहिजा रहल [[बाबर]] के अईला से पहिले। [[महाराजगंज]], जौन इ जिला के [[प्रखण्ड]] ह शायद ओहिजा के महाराजा के कारण पड़ल। हाल में भइल एगो खुदाई में अहिजा के एगो गाँव भेरबनिया में एगो पेड़ के निचे मिलल [[भगवान विष्णु]] के मूर्ति से इ साबित होत बा कि अहिजा भगवान विष्णु के माने वाला लोग बहुत अधिक संख्या में रहलें। [[गोरखा अधिराज्य|गोरखा]] के राजा आपन राज्य के विस्तार सिवान जिला तक कइले रहलन कुछ साल तक, 1790 ई0 में अंग्रेजन के इ क्षेत्र में अईला से पहिले। इ नेपाल के सीमा के करीब होखला के वजह से भी इ सिमान या सिवान कहल जात रहल। बाद में इ क्षेत्र पर यादव आ राजपूत के अधिपत्य रहल। <ref>http://www.indianexpress.com/news/this-week-bihar/1118304/</ref>
 
सिवान 8 वीं शताब्दी में [[बनारस राजतंत्र]] के हिस्सा रहल। [[मुस्लिम]] अहिजा 13 वीं शताब्दी में अईले। [[सिकंदर लोदी]] 15 वीं शताब्दी में आपन अधिन कइले। [[बाबर]] जब यात्रा से लौटत रहले तब सिसवां के नजदीक [[घाघरा नदी]] पार कइले। 17 वीं शताब्दी के अंत में [[डच]] अहिजा [[अंग्रेज]] के पीछा करत करत आईलआइल रहले जा। 1765 के [[बक्सर युद्ध]] के बाद इ क्षेत्र [[बंगाल]] के एगो हिस्सा बन के रह गईल।गइल। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में सिवान एक अहम भूमिका निभईलेनिभइले रहल। इ दिग्गज आ मजबुत '''भोज-पूरीयन''' खातिर भी प्रसिद्ध बा, जे हमेशा आपन मार्शल भावना आ शारीरक सहन शक्ति खातिर उल्लेखिल कइल जात रहले जा आ जहाँ से सेना आ पुलिस कर्मी लोग बड़ी मात्रा में ट्रेनिंग लेके भर्ती होत रहले जा। जे में से अच्छा संख्या में लोग बागी भईलेभइले आ बाबु कुंवर सिंह के सेवा में समर्पित हो गईले।गइले। श्री ब्रज किशोर प्रसाद जे सिवान के रहलन 1920 में गैर सहकारी आन्दोलन के प्रतिक्रिया में बिहार में पर्दा विरोधी संग्राम चालू कइले रहलन।<ref name="autogenerated1"/>
 
=== ऐतिहासिक स्थान ===
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'''दोन'''
 
[[दरौली]] ब्लॉक में एगो गाँव बा, जहाँ एगो किला के अवशेष बचल बा, कहल जयेला की इ का संबंध महाभारत के प्रसिद्ध पात्र आचार्य द्रोणाचार्य से बा जे कौरव आ पांडव दुनो के गुरु रहनी। दोन के स्तूप तनिक कम प्रसिद्ध बा लेकिन बुद्ध धर्मावलम्बियन खातिर महत्वपूर्ण तीर्थ बा। बुद्ध धर्मावलम्बी ह्यून त्सांग एक पुस्तक में उल्लेख करते हुए लिखले बानी की जब उहाँ के भारत यात्रा पर आईलआइल रहनी त दोन में भी पधारले रहनी। वर्तमान में दोन में एगो छोट हरियाली युक्त पहाड़ बा, जेकरा ऊपर एगो हिन्दू मंदिर बा, जहाँ देवी तारा के एगो सुन्दर मूर्ति स्थापित बा, जिनके हिन्दू देवी के रूप में पूजा कइल जयेला। इ मूर्ति के 9 वीं शताब्दी में ढालल गईलगइल रहल।
 
'''महाराजगंज'''
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'''महेन्द्रनाथ'''
 
सिसवां ब्लॉक में एगो गाँव बा जौन महेन्द्रनाथ या मेंहदार नाम से जानल जयेला। अहिजा भगवान शिव आ विश्वकर्मा जी के मंदिर स्थित बा जहाँ बड़ी संख्या में भक्तजन लोग शिवरात्रि आ विश्वकर्मा दिवस के दिन दर्शन खातिर जायेला। इ आपन मंदिर खातिर प्रसिद्ध बा जहाँ 52 बीघा में एगो पोखर बा। कहल जायेला की नेपाल के राजा महेंद्र के कोढ़ फूटल रहे आ उ आपन एगो यात्रा के दौरान अहिजा से गुजरत रहलन। यात्रा के दौरान उ अहिजा एगो छोट गड्ढा में थोडा सा कीचड़युक्त पानी छुवले आ उनकर कोढ़ खत्म हो गईलगइल जे से खुश होके उ अहिजा शिव के मंदिर बनवइले आ उ छोट गड्ढा के बहुत बड़ पोखर में परिवर्तन करवइले। एही से इ जगह के महेन्द्रनाथ कहाय लागल। गाँव के लोग इ के मेहदार कहे लागल।
 
''भीखाबांध'''
 
महाराजगंज ब्लॉक में एगो गाँव बा, जहाँ एगो खुब बड़हन पेड़ बा, ओ पेड़ के नीचे भैया-बहिनी मंदिर स्थित बा। कहल जायेला की इ भाई आ बहिन 14 वीं शताब्दी में मुग़ल सिपाही से लड़ गईलगइल रहे लोग आ लड़ाई करत करत दुनो भाई बहिन के अहिजा मृत्यु हो गईलगइल रहल। <ref>http://siwan.bih.nic.in/HistoricalPlaces1.htm</ref>
 
'''सोहागरा'''
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सिवान जिला के क्षेत्रफल 2219 km2 बा,<ref name='Reference Annual'>{{cite book | last1 = Srivastava, Dayawanti et al. (ed.) | title = India 2010: A Reference Annual | chapter = States and Union Territories: Bihar: Government | edition = 54th | publisher = Additional Director General, Publications Division, [[Ministry of Information and Broadcasting (India)]], [[Government of India]] | year = 2010 | location = New Delhi, India | pages = 1118–1119 | accessdate = 2011-10-11 | isbn = 978-81-230-1617-7}}</ref> तुलनात्मक रूप में देखल जाव त रूस के विलजेक लैंड के बराबर बा।<ref name='Islands'>{{cite web | url = http://islands.unep.ch/Tiarea.htm | title = Island Directory Tables: Islands by Land Area | accessdate = 2011-10-11 | date = 1998-02-18 | publisher = [[United Nations Environment Program]] | quote = Wilczek Land2,203km2}}</ref>
 
सिवान जिला उत्तरी [[गंगा]] के मैदान में स्थित एक समतल भू-भाग ह। जिला के विस्तार 25<sup>0</sup>53' से 26<sup>0</sup> 23' उत्तरी अक्षांस तथा 84<sup>0</sup> 1' से 84<sup>0</sup> 47' पूर्वी देशांतर के बीच बा। नदियन द्वारा जमा करल गईलगइल माटी की गहराई 5000 फीट तक बा। मैदानी भाग का ढाल उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर बा। निचला मैदान में जलजमाव के कई गो क्षेत्र बा जौन ''चौर'' कहल जायेला। अहिजा से कई गो छोट नदी या 'सोता' भी निकलेला। मुख्य नदी [[घाघरा]] बा जेके किनारे ''दरारा'' निर्मित बा। इ खास भौगोलिक बनावट में बालू के मोट परत पर मृत्रिका आ सिल्ट की पतली परत पावल जायेला। सिवान की माटी खादर (नयी जलोढ) एवं बांगर (पुरानी जलोढ) के बीच की ह। खादर माटी के अहिजा ''दोमट'' तथा बांगर के ''बलसुंदरी'' कहल जायेला। बलसुंदरी माटी में कंकर की मात्रा पावल जायेला। कई जगहन पर गंधकयुक्त माटी मिलेला जहाँ से कभी साल्टपीटर निकालल जात रहल। अंग्रेजी शासन में अहिजा इ के उद्योग होखल करत रहल लेकिन अब इ गायब हो चुकल बा। <ref>[http://siwan.bih.nic.in/Geographical.aspx] सिवान का भूगोल</ref>
* '''नदियाँ''': गंडकी एवं घाघरा अहिजा के प्रमुख नदी ह। घाघरा नदी जिला की दक्षिणी सीमा पर बहे वाली सदावाही नदी ह। इ के अलावा झरही, दाहा, धमती, सिआही, निकारी आ सोना जैसन छोट नदियाँ कुलों बा। झरही आ दाहा [[घाघरा]] के सहायक ह जबकि गंडकी आ धमती गंडक में जा मिलेले।
;जलवायु: