तीज: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

Content deleted Content added
छो अंक बदलाव/चर्चा-वि:चौपाल (oldid=442074)
छो clean up, replaced: कईल → कइल (2), जाईल → जाइल, गईल → गइल (4) using AWB
लाइन 21:
}}
{{Hinduism |expanded=practices}}
'''तीज''' [[हिन्दू]] नारी के मनावे वाला बहुत महत्व के पर्व ह। ई पर्व अपना मरद के लम्बा उमिर आ स्वास्थ्य के कामना खाती मनावल जाईलजाइल जाला। ई त्यौहार [[भादो|भाद्र]] शुदी द्वीतिया से पञ्चमी तक 4 दिन मनवाल जाला। तीज में [[भगवान शिव]] के पूजा अर्चना कईलाकइला के साथ नाचगान मनोरञ्जन समेत करे के चलन बा। हिन्दू मेहरारू द्वारा स्वतन्त्र आ आनन्दमय रूप से मनवाल जाये वाला ई त्यौहार अन्य धर्म आ जातजाति के मेहरारू भी हर्षोल्लास के साथ मनावे लागल बडिस।
 
ई त्यौहार मुख्य रूपले उत्तरप्रदेश,बिहार,नेपाल आदि में मनावल जाला। कहल जाला की आदि -शक्ति भगवान शिव केअर्धाङ्गीनी हिमालय पुत्री पार्वती जी भगवान शिव के स्वास्थ्य तथा शरीर में कवनो वाधा उत्पन्न न हो एह कामना से पहिले भूखल रही उ दिन शास्त्र में हरितालिका तिज के दिन कहल गईलगइल बा तब से आज तक हर हिन्दू नारी ई त्यौहार मनावत अवतारी ।
 
==सरगही खाए वाला दिन==
लाइन 31:
==त्यौहार मनावे के तरीका==
 
तीज के दिन छोड़ के [[गणेशचतुर्थी]] आ [[ऋषिपञ्चमी]] के भी एक साथ मनावे के चलन बा। आज के दिन मेहरारू लोग भोरे उठ के नहा-धोवा के नया कपडा पहिर के भगवान भोले नाथ के पूजा करेला लोग दिन भर निराजल भूख के साझी खानी टोल गांव के बेटी-पतोह संगे जुट के गीत मंगल आदि गावे ला लोग। भोले नाथ के मंदिर में दिआ जरावे के साथ साथ सुंदर -सुन्दर भजन से पूरा गांव गूँज जाला आज के माहौल आ सदभावना देखि के मन करेला की ई दिन सालो भर रहित। तीज के दिन मेहरारू लोग के मुरझाईल चेहरा देख के नारी के महानता के बोध होला की कैसे अपना शरीर के कष्ट देके ई लोग अपना परिवार के खुसी के कामना करेला लोग। शायद एहि से शास्त्र में नारी के महानता बतावल गईलगइल बा।
 
==धार्मिक पृष्ठ भूमि==
 
हिन्दू के धर्म ग्रन्थ [[शिव पुराण|शिव पुरान]] के कथा अनुसार जब देवी पार्बती के पिता महाराज [[हिमालय (हिंदू कथा)|हिमालय]] अपना पुत्री [[पार्वती]] के बिबाह भगवान बिष्णु से जब करे के तैयार भइले तब यी बात पार्वती के न जँचल | उ शिव के अपना पति के रूप में प्राप्त करे खाती जंगल में जा के तपस्या करे लगली। जब पार्वती के तपस्या 100 बरस पूरा हो गईलगइल तब भी भोले नाथ दर्शन ना दिहनि तब पार्वती शिव लिंग के स्थापना कर के निराहार ब्रत- उपास से शिव के आराधना कईलीकइली तब शिव, पार्वती के कठोर तप देख के मनचाहा बरदान देवे के राजी हो गईले।गइले। तब पार्वती शिव के अपना पति के रूप में मंगलि आ कहली की हे नाथ आज हरितालिका के दिन जे भी मेहरारू राउर जवना भी कामना से पूजा करसु उनको पूरा करब। एह प्रकार से शिव पार्वती के बिआह भइल। आ हिन्दू धर्म में तीज के त्यौहार शुरू भइल।
 
==बाहरी कड़ी==
"https://bh.wikipedia.org/wiki/तीज" से लिहल गइल