महाभारत: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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| image = Kurukshetra.jpg
[[File:The Pandava and Kaurava armies face each other.JPG|thumb|The Pandava and Kaurava armies face each other]]
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| caption = कुरुक्षेत्र के जुद्ध के चित्र रूप
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[[File:Krishna and Arjun on the chariot, Mahabharata, 18th-19th century, India.jpg|thumb|right|240px|कृष्ण आ अर्जुन; अठारहवीं-उनईसवीं सदी के पेंटिंग]]
'''महाभारत''' [[संस्कृत भाषा]] के दू गो प्राचीन महाकाब्य सभ में से एक बा, दुसरका [[रामायण]] हवे।<ref name=encindlit>{{Cite journal | url = https://books.google.com/books?id=zB4n3MVozbUC&pg=PA1755&dq=itihasa | title = The Encyclopaedia of Indian Literature (Volume Two) (Devraj to Jyoti) | isbn = 978-81-260-1194-0 | author1 = Datta | first1 = Amaresh | date = 1 January 2006}}</ref> महाभारत के कथा, कुरुक्षेत्र में पांडव आ कौरव लोग के बीच भइल जुद्ध के कथा हवे। एकरे अलावा एह में धार्मिक उपदेश, दार्शनिक आ आध्यात्मिक चीज आ भक्ति संबंधी बिचार भी लिखल बा।
 
श्रीमद्भगवद्गीता, नल-दमयंती के कथा आ ऋष्यशृंग के कथा नियर कई चीज जे एही महाकाब्य के हिस्सा हईं, अपना में खुद स्वतंत्र रचना के लेखा भी परतिष्ठा पवले बाड़ी सऽ। महाभारत में पुरुषार्थ चतुष्टय के बरनन भी बा आ एह महाकाब्य में रामायण के संछिप्त रूप भी समाइल बा।
'''महाभारत''' महर्षि [[वेद व्यास]] द्वारा लिखल गईल [[संस्कृत]] के एगो अनुपम [[महाकाव्य]] ह।
महाभारत हिन्दुलोग के एक प्रमुख काव्य ग्रंथ ह, जवन स्मृति वर्ग में आवे ला। कबो कबो सिर्फ "भारत" कहे जाये वाला इ काव्यग्रंथ भारत के अनुपम धार्मिक, पौराणिक, इतिहासी औरी दार्शनिक ग्रंथ ह। विश्व के सबसे लंबा इ साहित्यिक ग्रंथ औरी महाकाव्य, हिन्दू धर्म के मुख्यतम ग्रंथों में से एक ह। इ ग्रन्थ के हिन्दू धर्म में पंचम वेद मानल जाला।[1] यद्यपि इ साहित्य के सबसे अनुपम कृतियों में से एक मानल जाला, लेकिन आज भी इ ग्रंथ प्रत्येक भारत के लोग खातिर एक अनुकरणीय स्रोत ह। इ कृति प्राचीन भारत के इतिहास के एक गाथा ह। एहि में हिन्दू धर्म के पवित्रतम ग्रंथ भगवद्गीता सन्निहित बा। पूरा महाभारत में लगभग 1,10,000 श्लोक बा[2], जवान यूनानी काव्यों इलियड औरी ओडिसी से परिमाण में दस गुणा अधिक बा।[3][4]
 
हिन्दू मान्यता, पौराणिक संदर्भो आ स्वयं महाभारत के अनुसार इ काव्य के रचनाकार वेदव्यास जी के मानल जाला। इ काव्य के रचयिता वेदव्यास जी अपन इ अनुपम काव्य में वेद, वेदांग औरी उपनिषद के गुह्यतम रहस्य के निरुपण कैले बानी। इसब के बाहेक इ काव्य में न्याय, शिक्षा, चिकित्सा, ज्योतिष, युद्धनीति, योगशास्त्र, अर्थशास्त्र, वास्तुशास्त्र, शिल्पशास्त्र, कामशास्त्र, खगोलविद्या आ धर्मशास्त्र के भी विस्तार से वर्णन कैल गइल बा।[5]
 
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[[श्रेणी:काव्य]]
==इहो देखल जाय==
* [[रामायण]]
 
==संदर्भ==
{{Reflist|35em}}
 
[[श्रेणी:संस्कृत साहित्य]]
[[श्रेणी:साहित्य]]
[[श्रेणी:महाकाव्य]]
[[श्रेणी:हिंदू धर्म]]
 
{{हिंदू-कथा-आधार}}