गोपालगंज जिला: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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<p>गोपालगंज में मुख्य रूप से ऊँख (गन्ना), दलहन, धान, गेहूँ और विभिन्न प्रकार के तरकारी (सब्जी) के उत्पादन होला। बागवानी भी होखेला किंतु बहुत ही सीमित रूप से। इहाँ मुख्य रूप से ऊँख के उत्पादन होखला के कारण कई गो चीनी मिल बाड़ी सन, जेहिमे गोपालगंज शहरिया में स्थित विष्णु सुगर मिल सबसे प्रमुख बा। एकरा अलावे कई गो कोल्ड स्टोरेज भी बाड़ी सन।</p>
<h2><span class="mw-headline" id="Education">शिक्षा</span></h2>
<p>कुछ साल पहिले तक त गुणात्मक शिक्षा के क्षेत्र में गोपालगंज के कवनो ज्यादा नाम ना रहे। लोग आपना बचवा सभे के आगे पढ़ावे के खातिर दिल्ली, इलाहाबाद, पटना इत्यादि जगहन पर भेज देत रहे लोग। हालांकि अभियो स्थिति में कवनो ज्यादा सुधार नईखे, लेकिन पहिले से स्थिति बेहतर बा। वर्तमान में एहिजा स्थित विद्यालय/महाविद्यालय में से अधिकांश सरकार द्वारा चलावल जाला। कुछ स्कूल निजी ट्रस्ट और व्यक्ति द्वारा भी संचालित बाटे। लगभग सारा स्कूल या त केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) या बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से जुड़ल बाड़ल सन। कहे खातिर त अधिकांश निजी विद्यालय अंग्रेजीअंगरेजी माध्यम से शिक्षा देवे के दावा करेलन सन, लेकिन वास्तविकता एहिसे कोसो दूर बा। सरकारी विद्यालय में से अधिकांश के माध्यम हिंदी बा। दसवीं तक के पढ़ाई के बाद अधिकांश लईका-लईकी इंटरमीडिएट के पढ़ाई करे खातिर कला, विज्ञान में से ही कवनो एगो मुख्य रूप से चुनेला। वाणिज्य के पढ़ाई के एहिजा बहुत सही माहौल औरी सुविधा उपलब्ध नईखे। गोपालगंज मुख्य रूप से माध्यमिक स्तर तक के शिक्षा खातिर सही बा। एह स्तर तक के स्कूलन में भी.एम.उच्च विद्यालय, डी.ए.वी उच्च विद्यालय, केन्द्रीय विद्यालय (वर्तमान में ई गोपालगंज शहर के भी.एम.उच्च विद्यालय के प्रांगण में स्थित बा), सैनिक स्कूल, गोपालगंज (ई हथुआ में स्थित बा), जवाहर नवोदय विद्यालय औरी डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल (थावे में स्थित) प्रमुख बाड़ी सन। एह जिला में लगभग 290 प्राथमिक विद्यालय, 100 माध्यमिक विद्यालय, 08 उच्चचर माध्यमिक विद्यालय, 05 महाविद्यालय, 01 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान और 01 पॉलिटेक्नीक महाविद्यालय बाटे। स्नातक-स्तरीय शिक्षा के बादा आगे पढ़ाई करेके खातिर लईकन के बाहर जाएके पड़ेला।</p>
<h2><span class="mw-headline" id="Festivals">परब-त्यौहार</span></h2>
<p>एह जिला के मुख्य पर्व पूरा बिहार के तरह छठ पर्व ह। कातिक के महीना में होखेवाला छठ के धूमधाम औरी मान्यता त एहिसे पता चल जाला कि बिहार जाए वाली कवनो गाड़ी में तीन महीना पहिलहि सीट आरक्षित हो जाला। औरी जे टिकट ना करा पवले होला उ केहु तरह से भी जाए के मन बना ले ला। बाहर काम करे वाला मनई भले साल में कबो घर ना जा पावे लेकिन छठ में जरुरे घर जाए के कोशिश करेला। एकरा अलावे दीवाली, गोधन-पूजा, होली, रक्षा-बंधन, राम-नवमी, दुर्गा-पूजा (अक्टूबर-नवंबर) इत्यादि सगरे पर्व बहुते धूम-धाम से मनावल जाला। रक्षा-बंधन दिन गोपालगंज शहरिया में महावीर अखाड़ा के जुलूस त देखले बनेला।</p>