सिवान जिला: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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|Name = सिवान
|State = बिहार
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|HQ = सिवान
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|Siwan News = http://siwanonline.com/
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'''सिवान जिला''' [[भारत]] के [[राज्य]] [[बिहार]] के कईयन [[जिला]] में से एक ह। सिवान शहर सिवान जिला के शासकिय मुख्यालय ह। 1972 से सिवान जिला [[सारण प्रमण्डलप्रमंडल]] के हिस्सा बा। सिवान जिला विशेष रूप से स्वतंत्र भारत के प्रथम [[राष्ट्रपति]] [[राजेन्द्र प्रसाद|डा0 राजेन्द्र प्रसाद बाबु]] खातिर जानल जाला जे एही जिला की गाँव [[जीरादेई]] से ताल्लुक रखत रहनी ह।<ref>[http://siwan.bih.nic.in/]</ref> इ जिला '''अलीगंज सावन''' के नाम से भी जानल जायेला जौन '''अली बक्ष''' के नाम के बाद पड़ल। श्री [[ओम प्रकाश यादव]] सिवान से [[सांसद]] बानी।<ref>http://www.educationforallinindia.com/page157.html</ref>
 
'''सिवान जिला''' [[भारत]] के [[राज्य]] [[बिहार]] के कईयन [[जिला]] में से एक ह। सिवान शहर सिवान जिला के शासकिय मुख्यालय ह। 1972 से सिवान जिला [[सारण प्रमण्डल]] के हिस्सा बा। सिवान जिला विशेष रूप से स्वतंत्र भारत के प्रथम [[राष्ट्रपति]] [[राजेन्द्र प्रसाद|डा0 राजेन्द्र प्रसाद बाबु]] खातिर जानल जाला जे एही जिला की गाँव [[जीरादेई]] से ताल्लुक रखत रहनी ह।<ref>[http://siwan.bih.nic.in/]</ref> इ जिला '''अलीगंज सावन''' के नाम से भी जानल जायेला जौन '''अली बक्ष''' के नाम के बाद पड़ल। श्री [[ओम प्रकाश यादव]] सिवान से [[सांसद]] बानी।<ref>http://www.educationforallinindia.com/page157.html</ref>
 
==इतिहास==
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सिवान नाम "शिव मान" से पड़ल जे अहिजा के राजा रहनी, जिनके शासन अहिजा रहल [[बाबर]] के अईला से पहिले। [[महाराजगंज]], जौन इ जिला के [[प्रखण्ड]] ह शायद ओहिजा के महाराजा के कारण पड़ल। हाल में भइल एगो खुदाई में अहिजा के एगो गाँव भेरबनिया में एगो पेड़ के निचे मिलल [[भगवान विष्णु]] के मूर्ति से इ साबित होत बा कि अहिजा भगवान विष्णु के माने वाला लोग बहुत अधिक संख्या में रहलें। [[गोरखा अधिराज्य|गोरखा]] के राजा आपन राज्य के विस्तार सिवान जिला तक कइले रहलन कुछ साल तक, 1790 ई0 में अंग्रेजन के इ क्षेत्र में अईला से पहिले। इ नेपाल के सीमा के करीब होखला के वजह से भी इ सिमान या सिवान कहल जात रहल। बाद में इ क्षेत्र पर यादव आ राजपूत के अधिपत्य रहल। <ref>http://www.indianexpress.com/news/this-week-bihar/1118304/</ref>
 
सिवान 8 वीं शताब्दी में [[बनारस राजतंत्रराज]] के हिस्सा रहल। [[मुस्लिम]] अहिजा 13 वीं शताब्दी में अईले। [[सिकंदर लोदी]] 15 वीं शताब्दी में आपन अधिन कइले। [[बाबर]] जब यात्रा से लौटत रहले तब सिसवां के नजदीक [[घाघरा नदी]] पार कइले। 17 वीं शताब्दी के अंत में [[डच]] अहिजा [[अंग्रेज]] के पीछा करत करत आइल रहले जा। 1765 के [[बक्सर के युद्ध]] के बाद इ क्षेत्र [[बंगाल]] के एगो हिस्सा बन के रह गइल। 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में सिवान एक अहम भूमिका निभइले रहल। इ दिग्गज आ मजबुत '''भोज-पूरीयन''' खातिर भी प्रसिद्ध बा, जे हमेशा आपन मार्शल भावना आ शारीरक सहन शक्ति खातिर उल्लेखिल कइल जात रहले जा आ जहाँ से सेना आ पुलिस कर्मी लोग बड़ी मात्रा में ट्रेनिंग लेके भर्ती होत रहले जा। जे में से अच्छा संख्या में लोग बागी भइले आ बाबु कुंवर सिंह के सेवा में समर्पित हो गइले। श्री ब्रज किशोर प्रसाद जे सिवान के रहलन 1920 में गैर सहकारी आन्दोलन के प्रतिक्रिया में बिहार में पर्दा विरोधी संग्राम चालू कइले रहलन।<ref name="autogenerated1"/>
 
=== इतिहासी स्थान ===
 
''';कोरारा'''
 
मैरवा ब्लॉक के एक गावँ, जौन मैरवा धाम से 2 किमी दक्षिण में स्थित बा। इहाँ सिवान के प्रथम साईं मंदिर बा जौन भगवान शिव आ माता दुर्गा के सटले बा। अहिजा हर साल अगस्त में वार्षिकोत्सव मनावल जायेला।
 
''';दोन'''
 
[[दरौली]] ब्लॉक में एगो गाँव बा, जहाँ एगो किला के अवशेष बचल बा, कहल जयेला की इ का संबंध महाभारत के प्रसिद्ध पात्र आचार्य द्रोणाचार्य से बा जे कौरव आ पांडव दुनो के गुरु रहनी। दोन के स्तूप तनिक कम प्रसिद्ध बा लेकिन बुद्ध धर्मावलम्बियन खातिर महत्वपूर्ण तीर्थ बा। बुद्ध धर्मावलम्बी ह्यून त्सांग एक पुस्तक में उल्लेख करते हुए लिखले बानी की जब उहाँ के भारत यात्रा पर आइल रहनी त दोन में भी पधारले रहनी। वर्तमान में दोन में एगो छोट हरियाली युक्त पहाड़ बा, जेकरा ऊपर एगो हिन्दू मंदिर बा, जहाँ देवी तारा के एगो सुन्दर मूर्ति स्थापित बा, जिनके हिन्दू देवी के रूप में पूजा कइल जयेला। इ मूर्ति के 9 वीं शताब्दी में ढालल गइल रहल।
 
''';महाराजगंज'''
 
जौन अब इ ब्लॉक के मुख्यालय ह, बस्नौली गंगर के नाम से भी जानल जयेला। इ जिला के सबसे बड़ बाजार के रूप में बा। इहे उ जगह ह जहाँ से स्वतंत्रता सेनानी श्री फुलेना प्रसाद भारतीय स्वतंत्रता खातिर लड़ले रहनी, एही भूमि पर उहाँ के आपन रणनीति तैयार कर के अंग्रेजन के साथ लड़ल रहनी।
 
''';महेन्द्रनाथ'''
 
सिसवां ब्लॉक में एगो गाँव बा जौन महेन्द्रनाथ या मेंहदार नाम से जानल जयेला। अहिजा भगवान शिव आ विश्वकर्मा जी के मंदिर स्थित बा जहाँ बड़ी संख्या में भक्तजन लोग शिवरात्रि आ विश्वकर्मा दिवस के दिन दर्शन खातिर जायेला। इ आपन मंदिर खातिर प्रसिद्ध बा जहाँ 52 बीघा में एगो पोखर बा। कहल जायेला की नेपाल के राजा महेंद्र के कोढ़ फूटल रहे आ उ आपन एगो यात्रा के दौरान अहिजा से गुजरत रहलन। यात्रा के दौरान उ अहिजा एगो छोट गड्ढा में थोडा सा कीचड़युक्त पानी छुवले आ उनकर कोढ़ खत्म हो गइल जे से खुश होके उ अहिजा शिव के मंदिर बनवइले आ उ छोट गड्ढा के बहुत बड़ पोखर में परिवर्तन करवइले। एही से इ जगह के महेन्द्रनाथ कहाय लागल। गाँव के लोग इ के मेहदार कहे लागल।
 
'';भीखाबांध'''
 
महाराजगंज ब्लॉक में एगो गाँव बा, जहाँ एगो खुब बड़हन पेड़ बा, ओ पेड़ के नीचे भैया-बहिनी मंदिर स्थित बा। कहल जायेला की इ भाई आ बहिन 14 वीं शताब्दी में मुग़ल सिपाही से लड़ गइल रहे लोग आ लड़ाई करत करत दुनो भाई बहिन के अहिजा मृत्यु हो गइल रहल। <ref>http://siwan.bih.nic.in/HistoricalPlaces1.htm</ref>
 
''';सोहागरा'''
 
गुठनी ब्लॉक में एगो जगह बा, ओहिजा भगवान शिव (हंसनाथ बाबा) के एगो प्रसिद्ध मंदिर बा, सिवान मुख्यालय से 40&nbsp;किमी दुरी पर बा इ मंदिर जौन [[उत्तर प्रदेश]] के [[देवरिया जिला]] के सीमा पर पड़ेला।<ref>http://www.youtube.com/watch?v=t5aCmnNg_WE</ref>