साहित्य: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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==शब्दउत्पत्ती==
भोजपुरी भाषा में ''साहित्य'' शब्द [[संस्कृत]] से आइल हवे जहाँ एकर उत्पत्ती ''सहित''+''यत्'' प्रत्यय से बतावल जाला आ अरथ कइल जाला कि जहाँ शब्द आ अरथ के सहभाव (एक्के साथ मौजूद होखे के स्थिती) होखे।<ref name="Gupta">{{cite book|author=Dr Ganpati Chandra Gupta|title=Bhartiya Evam Paschatya Kavya Sidhant|url=https://books.google.com/books?id=w5Ut61s0m34C&pg=PT28|publisher=Rajkamal Prakashan Pvt Ltd|isbn=978-81-8031-112-3|pages=28–}}</ref> हालाँकि, ऊपर बतावल ब्युत्पत्ती में कत्तों ''शब्द आ अरथ के समभाव'' वाली बात अपने आप ना आ जाले, ई मानल जाला कि पुरनका आचार्य लोग ''काब्य'', मने कि [[कबिताई]] के परिभाषा एही रूप में कइल कि जहाँ शब्द आ अरथ के समभाव होखे (सहितौ), हालाँकि बाद में एह पूरा बात खाती ई एकही शब्द इस्तमाल होखे लागल; साथे-साथ ''काब्य'' शब्द के अरथ एकरे बाद सिकुड़ गइल।
 
अंगरेजी शब्द ''लिटरेचर'' के उत्पत्ती लैटिन भाषा के शब्द ''लिटेरा'' (litera/littera) से बतावल जाला। मने कि इहाँ भाषा के लिखल रूप के ढेर साफ बात कइल गइल बा, काहें कि एही ''लिटेरा'' मूल शब्द से जेकर अरथ अच्छर या अच्छर संबधित होला, से ''लेटर'' (अक्षर), ''लेटर'' चिट्ठी पतरी इत्यादि के उत्पत्ती होखे ला।
 
==संदर्भ==