संसाधन भूगोल: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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'''संसाधन भूगोल''' (अंगरेजी: Resource geography) आम ब्यापक बिभाजन अनुसार [[मानव भूगोल]] के, आ बिसेस रूप से सटीक आ सकेत बिभाजन अनुसार [[आर्थिक भूगोल]] के, एगो शाखा हउवे। [[भूगोल]] के ई शाखा मुख्य रूप से [[प्राकृतिक संसाधन|संसाधन]] सभ के पृथ्वी पर अलग-अलग जगह बितरण पर धियान केन्द्रित करे ला। संसाधन के कमी, संसाधन के पर्याप्तता (भरपूर मौजूदगी), गुणवत्ता (इस्तेमाल खाती आ उत्पादन में महत्व अनुसार) आ मनुष्य के सस्टेनेबल बिकास एकर मुख्य फोकस बाटे। एकरे अलावा ई, संसाधन सभ के उपलब्धता वाला इलाका आ डिमांड वाला इलाका के बीच बिसमता के भी अध्ययन करे ला।<ref name="Dunbar2016">{{cite book|author=Gary S. Dunbar|title=Modern Geography: An Encylopaedic Survey|url=https://books.google.com/books?id=Ll2FCwAAQBAJ&pg=PA150|date=5 February 2016|publisher=Routledge|isbn=978-1-317-30832-4|pages=150–}}</ref>
 
संसाधन भूगोल के मुख्य सवाल ई बा की पृथ्वी पर सीमित मात्रा में पावल जाए वाला संसाधन सभ कइसे मनुष्य के असीमित मांग के पूरा क सके लें। एह शाखा के बिचारधारा में उपयोगिता वादी, प्राग्मैटिक आ प्रबंधनकारी, तीनों तरह के बिचार रहल बा।