कार्ल मार्क्स: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

Content deleted Content added
नया आधार लेख
 
बिस्तार
लाइन 6:
|caption = कार्ल मार्क्स, 1875 में
|birth_date = {{Birth date|df=yes|1818|05|05}}
|birth_place = Trierट्रायर, प्रशा राज
|death_date = {{Death date and age|df=yes|1883|03|14|1818|05|05}}
|death_place = [[लंदन]], [[यूनाइटेड किंगडम]]
लाइन 15:
|signature = Karl Marx Signature.svg
|main_interests = राजनीति, अर्थशास्त्र, दर्शन, इतिहास
|influences = चार्ल्स बैबेज,<ref>[http://arch.oucs.ox.ac.uk/detail/94555/index.html Babbage pages]</ref> हेगल, फायरबाख, स्पिनोजा, प्रूधों, स्टायरनर, एडम स्मिथ, [[वोल्तेयर]], डेविड रिकार्डो, रॉब्सपियरे, रूसो, [[विलियम शेक्सपियर|शेक्सपियर]], गेटे, हेल्वेटियस, डि'ओल्बाख,<ref>Mehring, Franz, ''Karl Marx: The Story of His Life'' (Routledge, 2003) pg. 75</ref> लेइबिग,<ref>John Bellamy Foster. "Marx's Theory of Metabolic Rift: Classical Foundations for Environmental Sociology", ''American Journal of Sociology'', Vol. 105, No. 2 (September 1999), pp. 366–405.</ref> डार्विन, फूरियर, रॉबर्ट ओवन, मोसेस हेस, एंगेल्स,<ref name="Bottomore1991"/> Guizot, Pecqueur,<ref>Allen Oakley, [https://books.google.com/books?id=L949AAAAIAAJ&dq ''Marx's Critique of Political Economy: 1844 to 1860''], Routledge, 1984, p. 51.</ref> [[अरस्तू]], एपिक्यूरस
|influenced =
|alma_mater = बोन्न विश्वविद्यालय<br/>बर्लिन विश्वविद्यालय<br/>जेना विश्वविद्यालय
|notable_ideas = ''सरप्लस वैल्यू'', मूल्य के श्रम सिद्धांत (योगदान), वर्ग संघर्ष, मजूरन के ''एलीनियेशन'' आ शोषण, इतिहासिक भौतिकवाद
}}
'''कार्ल मार्क्स''' (5 मई 1818 – 14 मार्च 1883) एगो जर्मन दार्शनिक, अर्थशास्त्री, राजनीतिक सिद्धांतकार, समाजशास्त्री, पत्रकार आ क्रांतिकारी समाजवादी रहलें।
 
वगो मध्यम-वर्ग के परिवार में जनमल मार्क्स कानून आ [[दर्शन]] के पढ़ाई कइलें। इनके, इनकर राजनीतिक लेखन खाती देस निकाला दिहल गइल आ बाकी के जिनगी [[लंदन]] में रह के बितावे के परल जहाँ ई जर्मन बिचारक फ्रेडरिष एंगेल्स के साथ मिल के आपन बिचार आगे बढ़वलें आ लेखन जारी रखलें। मार्क्स के सभसे ढेर जानल जाला, 1848 के पंफलेट, ''दि कम्युनिस्ट मेनिफेस्टो'', आ तीन भाग में छपल ''दास कैपिटल'' खातिर।
 
इनके बिचार आ लेखन के परभाव बाद के बहुत सारा बिद्वान आ लेखक लोग पर परल आ बाद के जमाना में इनके नाँव पर ''मार्क्सवाद'' नाँव के बिचारधारा अस्थापित भइल।
 
{{clear}}