संधि: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

Content deleted Content added
छो + विकिकड़ी
टैग कुल: मोबाइल संपादन मोबाइल एप संपादन Android app edit
लाइन 3:
संस्कृत ब्याकरण में तीन तरह के संधि बतावल गइल बा: स्वर संधि, व्यंजन संधि आ विसर्ग संधि।
 
==नाँव आ परिभाषा==
संधि (संस्कृत: सन्धि) शब्द के उत्पत्ती सम्+धि से बतावल जाले। पाणिनि के अष्टाध्यायी में दू तरह के चीज बतावल गइल बा: संहिता आ संयोग। वर्ण सभ के बहुत निकटता के संहिता कहल गइल बा।{{efn|"परः संनिकर्षः संहिता" अष्टाध्यायी, 1/4/108. के लघुसिद्धान्तकौमुदी में व्याख्या कइल गइल बा: वर्णानामतिशयितः सन्निधिः संहिता-संज्ञः स्यात्।}} संहिता के अरथ बतावल जाला कि, दू गो वर्ण सभ के बीच में आधी मात्रा से कम के व्यवधान ना होखे तब एकरा के संहिता कहल जाला।<ref name="भीमसेन">शास्त्री, भीमसेन (2000). ''लघुसिद्धान्तकौमुदी: भैमी व्याख्या''. 4था संस्करण. भैमी प्रकाशन, दिल्ली. pp. 31</ref> संयोग के परिभाषा{{efn|"हलोऽनन्तरा संयोगः" अष्टाध्यायी, 1/1/7. अज्भिरव्यवहिता हलः संयोग-संज्ञाः स्युः - लघुकौमुदी।}} दिहल जाले कि जब दू गो हल (व्यंजन वर्ण) के बीच स्वर वर्ण न होखे। एही संहिता आ संयोग से संधि होला।<ref name="भीमसेन" />
 
"https://bh.wikipedia.org/wiki/संधि" से लिहल गइल