संधि: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर
Content deleted Content added
सुधार |
छो →अरथ: सुधार |
||
लाइन 4:
==अरथ==
संधि शब्द के उत्पत्ती सम् + धि से बतावल जाले। [[पाणिनि]] के ''[[अष्टाध्यायी]]'' में दू तरह के चीज बतावल गइल बा: '''संहिता''' आ संयोग। वर्ण सभ के बहुत निकटता के संहिता कहल गइल बा। सूत्र '''परः संनिकर्षः संहिता''' (अष्टा. 1। 4। 108) के लघुसिद्धान्तकौमुदी में व्याख्या कइल गइल बा: ''वर्णानामतिशयितः सन्निधिः संहिता-संज्ञः स्यात्।'' अतिशय सन्निधि यानी नजदीकी के अरथ बतावल जाला कि दू गो वर्ण सभ के बीच में आधी मात्रा से
संहिता कब कइल जाय एकरा खाती बिधान बा कि जब एकही पद होखे, धातु आ उपसर्ग (जोड़े) में आ समास में हमेशा संहिता करे के चाहीं, वाक्य में ई वक्ता (लेखक) के मर्जी पर बा कि ऊ संहिता करे या ना करे।
|