3 मार्च: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर
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Gopaljirai (बातचीत | योगदान) →निधन: फ़िराक़ गोरखपुरी (जनम: रघुपति सहाय, 28 अगस्त 1896 - 3 मार्च 1982) एगो भारतीय शायर, लेखक आ साहित्यिक समालोचक रहलें। उर्दू साहित्य में इनके योगदान ग़ज़ल, नज़्म, रुबाई, दोहा नियर बिधा में रहल आ कई गो समालोचना के किताब भी छपल; हालाँकि मुख्य रूप से इनके ग़ज़ल कहे वाला शायर के रूप में पहिचान हवे।[1] साहित्यिक हल्का में इनके फ़िराक़ साहब के नाँव से जानल जाय आ पेशा से ई इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में अंगरेजी साहित्य के लेक्चरर रहलें। |
Gopaljirai (बातचीत | योगदान) →निधन: जी एम सी बालयोगी भारतीय लोकसभा के अध्यक्ष थे। |
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* '''1982 - फ़िराक़ गोरखपुरी-''' एगो भारतीय शायर, लेखक आ साहित्यिक समालोचक रहलें।
*2002 - '''जी एम सी बालयोगी''' - भारतीय लोकसभा क अध्यक्ष RरहलनAHALAN
== सन्दर्भ ==
==तिहुआर, छुट्टी अउरी खास महत्व ==
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