मानुस: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर
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[[चित्र:23 de agosto de 2015 - Recepción del Manifiesto del Pacto Montonero (21792252654).jpg|thumb|मनुष्य]]
'''मनुष्य''' पृथ्वी पर
सूक्ष्म प्राणियों की भांति इंसान भी प्राणिहित भी होते हैं। प्राणी जगत के लिए अहित भी
सूक्ष्म जीव, सूक्ष्म जीवों के रक्षा लिए प्रतिजैविक का उत्पादन करते हैं। इसी प्रकार मानव जीवों(प्राणी) के रक्षा के लिए प्रत्यक प्राणी से रक्षा के लिए नियम, संबिधान, कानून, दवा, तकनीक आदि विकसित की हैं।
कहा जाता है कि
न जाने कितनी प्रजातियां, समाज, समूह प्रति क्षण जन्म ले रही।
न जाने कितनों का अंत।।
संसार मे अनेक जगह संसार बढ़ रहा
अनेको जगह शुरू।
विज्ञान के अनुसार संसार की ऊर्जा,एन्थल्पी अपरिवर्तित है।
माना जाता है मनुष्य आधुनिकता की ओर अग्रसर है।
अभी तक पृथ्वी पर सबसे अधिक विकसित प्राणी है।
संसार मे अन्य विकसित प्रजातियों, समूहों, समाज की खोज के लिए अनेक अंतरिक्ष प्रयोगशाला, अनुसंधान, इंस्टिट्यूट कार्यरत है ।
इसकी जानकारी हमे [[Multi Univers theory]] के अनुसार।।
सभ्यता में इंसान, सबसे ज्यादा जीवहित कार्य करने वालो को ईश्वर, ईश्वर के दूत(पैगम्बर), पुत्र, पवित्र आत्मा कहने का संस्कार, नैतिकता रखता है।
सनातन धर्म, सिख पंथ, जैन धर्म, बौद्ध धर्म, इस्लाम मजहब आदि इसकी पुष्टि करते हैं।
की ये ईश्वरीय अवतार, दूत(पैगम्बर), पवित्र आत्मा, पुत्र के रूप में अवतरित होते हैं।
यह ईश्वर का शरीर रूपी संसार के सबसे श्रेष्ठ अंग होते हैं।
{{समाज-आधार}}
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