कबीर: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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लाइन 5:
 
कबीर के हिंदू आ मुस्लिम दुनों धरम के आलोचना करे खाती जानल जाला। उनके अनुसार हिंदू लोग वेद से आ करमकांड से भरमाव में बा आ ऊ एह लोग के धार्मिक रेवाज सभ के भरपूर आलोचना कइलें जेह में जनेव आ खतना दुनों के बिरोध सामिल बा।<ref name="GarciaHenderson2002">{{cite book|author1=Carol Henderson Garcia|author2=Carol E. Henderson|title=Culture and Customs of India|url=https://books.google.com/books?id=CaRVePXX6vEC&pg=PA70|accessdate=12 जुलाई 2012|year=2002|publisher=Greenwood Publishing Group|isbn=978-0-313-30513-9|pages=70–71}}</ref> इनका जिनगी में हिंदू आ मुस्लिम दुनों धरम के लोग इनके बिचार खातिर इनका के धमकावल। निधन के बाद इनके ऊपर दुनों धरम के लोग दावा कइल।<ref name="Tinker1990"/>(एह बात पर बिबाद भइल कि इनके जरावल जाय कि दफन कइल जाव)।
 
==कृतियां==
 
धर्मदास उनके वाणी क संग्रह " बीजक " नाम के ग्रंथ मे कइन जेकर तीन मुख्य भाग ह: साखी , सबद (पद), रमैनी
 
*''' साखी''': संस्कृत ' साक्षी , शब्द क बिगड़ल रूप ह आ धर्मोपदेश के अर्थ में प्रयोग भयल ह। अधिक साखियां दोहे में लिखल गयल ह पर ओम्में सोरठा क भी प्रयोग मिलल ह। कबीर क शिक्षा और सिद्धांत क निरूपण अधिकतर साखी में भयल ह।
 
*'''सबद ''' गेय पद ह जेम्मा पूरी तरह संगीतात्मकता विद्यमान ह। एम्में उपदेशात्मकता के स्थान पर भावावेश क प्रधानता ह; काहें से कि एम्में कबीर के प्रेम आ अंतरंग साधना क अभिव्यक्ति भईल ह।
 
*'''रमैनी ''' चौपाई छंद में लिखल गयल ह एम्में कबीर के रहस्यवादी आ दार्शनिक विचारन के बतावल गयल ह।
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"https://bh.wikipedia.org/wiki/कबीर" से लिहल गइल