भारतीय दर्शन: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

Content deleted Content added
No edit summary
टैग कुल: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन Advanced mobile edit
No edit summary
टैग कुल: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन Advanced mobile edit
 
लाइन 2:
'''भारतीय दर्शन''' ({{Lang-en|Indian philosophy}}, ''इंडियन फिलासफी'') काफ़ी पुराना समय से [[भारतीय उपमहादीप]] के क्षेत्र में मौजूद [[दर्शन|दार्शनिक परंपरा]] हवे। एह इलाका में मौजूद वर्तमान हिंदू, बौद्ध, जैन नियर धर्म आ नास्तिक परंपरा सभ यही धारा से उपजल चीज हवे। परंपरागत रूप से भारतीय दर्शन के दो हिस्सा में बाँटल जाला – आस्तिक आ नास्तिक।
 
अस्तिक दर्शन के छव भाग कइल जा सकेला: न्याय, वैशेशिका, संख्य, योग, मीमांसा, वेदांता। नास्तिक दर्शन में जैन, बुद्ध, अज्ञान, आजीविका आ चार्वाक आवेला।
 
{{clear}}