गोपालगंज जिला: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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लाइन 73:
गोपालगंज से 26 किमी पछिम में भोरे-कटेया रोड पर स्थित एह गांव के महिमा भगवान गणेश के प्राचीन मंदिर के चलते बा। जहां हर बरिस माघ के चौथ से एक महीना तक बड़हन मेला लागेला। आसपास ही ना बल्कि दूरदराज के इलाकन में भी एह मंदिर के महात्तम एतना बा कि पूरा माघ भर लोग एहिजा आवेला। लकड़ी के सामान खातिर भी इहां लागे वाला मेला के बहुते प्रसिद्धी बा।
===विनोद खरेंया===
गोपालगंज से 21 किलोमीटर पछिम में इ एगो छोटहन गाँव बा, जहाँ दुर्गा माई के एगो बड़ा निमन मंदिर बनल बाटे।
====लामीचौर चौबरिया टोला=====
गोपालगंज से 40 किलोमीटर पश्चिम की ओर उत्तर प्रदेश के निकट बहुत ही सुनहरा छोटा सा गांव जिसमें बिसेन राजपूत निवास करते हैं उसी में एक समाजसेवी माननीय श्री मुकुंद सिंह का भी घर है जो बहुत ही उत्तम कोटि के समाजसेवी थे उनका भागीदारी आजादी के समय भी रहा है आजादी के बाद भी स्वतंत्र भारत को अच्छा बनाने के लिए उनका बहुत योगदान समाज के लिए रहा आज भी उनका परिवार उस गांव में विराजमान है उस परिवार में दुर्गेश कुमार सिंह आज उनके वंशज के रूप में विराजमान है श्री मुकुंद सिंह के लिए यह कहा जाता है कि वह किसी भी निर्णय को लेते हुए अधिक साहस और समाज के प्रति समर्पित उनकी भावना उनको एक अलग मनुष्य के रूप में लोग देखते हैं!
 
==इहो देखल जाय==