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1949 चीन नें ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया
 
[[तिथि]] कौनों एगो दिन क पहिचान कइले क साधन हवे। दूसरा तरीका से कहल जाय त तिथि कौनो दिन विशेष क नाँव हवे।
 
भारत में सामान्य रूप से अंगरेजी [[ग्रेगेरियन कैलेण्डर]] आ [[हिन्दू पतरा|हिन्दू पंचांग]] क इस्तेमाल होला। आजकाल ग्रेगेरियन कैलेण्डर पुरा दुनिया में सबसे ढेर इस्तेमाल होला।
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==हिन्दू पत्रा==
{{मुख्य|हिन्दू पतरा}}
पत्रा चाहे पंचांग से [[तिथि]], वार, नक्षत्र, योग आ करण क हिसाब रक्खल जाला। पाँच चीज क गणना कइले की कारन एके पञ्चांग कहल जाला। हिन्दू पंचांग में शक संवत आ विक्रमी संवत क प्रयोग साल की गिनती खातिर होला।
 
हिन्दू पंचांग सूर्य आ चंद्रमा दूनो पर आधारित गणना करेला। हिन्दू महीना [[चंद्रमा के कला|चंद्रमा की कला]] पर आधारित होला आ एक पुर्नवासी (पूरणमासी या पूर्णिमा) से आगिला पुर्नवासी ले होला। महीना के दू गो पाख में बाँटल जाला। जवना हिस्सा में चन्द्रमा बढ़त रहे ला (अमवसा से पुर्नवासी ले) ओके अँजोरिया चाहे शुक्लपक्ष कहल जाला। जेवना हिस्सा में चंद्रमा घटे लागे ला (पुर्नवासी कि बाद से अमावसा ले) ओके अन्हरिया या कृष्णपक्ष कहल जाला। एगो पाख 13-15 दिन क होला।
 
पाख में एक्कम, दुइज, तीज, चउथ, पंचिमी, छठ, सत्तिमी, अष्टिमि[[अष्टिमी]], नवमी, दसमी, [[एकादशी]], दुआदसी (द्वादशी), तेरस, चतुर्दशी, आ [[पुर्नवासी]]/[[अमौसा]] (अमावस्या) तिथि होले। एगो तिथि क समय ओतना होला जेतना देर में चंद्रमा की गति की कारन, चंद्रमा आ सूर्य की बिचा में बारह अंश बीत जाय। चंद्रमा पृथ्वी क चक्कर दीर्घवृत्तीय रास्ता पर लगावेला एही से कबो ई 12 अंश क दूरी जल्दी तय हो जाले आ कबो ढेर समय लागेला आ तिथि छोट-बड़ होत रहेलिन। अमावसा कि अंत आ अँजोरिया की एक्कम क शुरुआत होले जब सूर्य आ चंद्रमा की बिचा में शून्य अंश क कोण बनेला। पुर्नवासी के ई कोण 180 अंश हो जाला मने पृथ्वी सूर्य आ चंद्रमा की बिचा में होले।
 
हिन्दूहिंदू महीना क नाँव क्रम से [[चइत]], [[बइसाख]], [[जेठ]], [[असाढ़]], [[सावन]], [[भादो]], [[कुआर]], [[कातिक]], [[अगहन]], [[पूस]], [[माघ]], आ [[फागुन]] होला।
 
==अंगरेजी कलेंडर==