लोक संगीत: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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नया समय में मेन संगीत से अलग हटिके कम प्रचलित भाषा बोली में रचना के भी लोग संगीत कहल जात बाटे।
 
[[भोजपुरी लोकगीत]] में होली (फगुआ), कजरी, बिरहा, सोहर, बियाह क गीत इत्यादि अइसने कुल गीत आवेलें। सोरठी, पूरबी, कहारऊ धुन भी लोकगीत से जुडल बा आ ए धुनन पर होखे वाली वर्तमान रचना कुल के भी लोकगीत कहल जाला। [[मनोज तिवारी]], [[भरत शर्मा]], [[कल्पना पटवारी]], [[शारदा सिन्हा]], मालिनी अवस्थी, निरहुआ, खेषारी, कल्लू, पवन सिंह,[[आभास चतुर्वेदी]] गोपाल राय, मदन राय भोजपुरी लोकगीत के अलग अलग विधा के गायक बाढन।
 
पाश्चात्य लोकगीत में ज्यादातर रचना अकेले आ एगो बाजा कि संघे गावल जाला।<ref>[http://www.britannica.com/EBchecked/topic/212246/folk-song ब्रिटानिका एन्साइक्लोपीडिया पर] "Folk songs are usually sung unaccompanied or with accompaniment provided by a single instrument—e.g., a guitar or a dulcimer. They are usually learned by ear and are infrequently written down; hence, they are susceptible to changes of notes and words through generations of oral transmission. "</ref>