ई क्लिटोरीस का काम नारी की चूत को चुुुदले खातिर तैैैयार
करना होत बा। जब ई को सहलाया, रगड़ा, छेड़ा या चूसा-चाटा जात बा, तब नारी चुदवे खातिर पागल होला। ऊका बुर से पानी निकलना शुरू होला, काम विव्हल होके नारी गाँड़ ऊपर उठान लगेला, लण्ड बुर में पिलवावे खातिर।
ई अंग नारी का सबसे संवेदनशील अंग होला। ई पर हल्का सा छुअन नारी को कामोत्तेजित कर देलबा। ई को अगर पांच मिनट तक सहलाया जाये, एक हाथ से, ओर दूसर हाथ से बुर में उंगली पैलल जाए, तो नारी की बुर अल्प काल में पानी छोड़ देल बा। नारी झड़ के संतुष्ट हो जाईल बा। बीच बीच में गाँड़ में उंगली ओर दूध के निप्पल्स को नोचे बा तो नारी भड़भड़ा के झडल बा। ऐसे पुरुष को नारी जीवनभर पुजेबा ओर बड़चडकर प्रेम से चुदवाईल बा।{{Reflist|33em}}