गौतम बुद्ध: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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ई 45 बरिस ले बौद्ध धर्म के शिक्षा दिहलें। इनकर शिक्षा '''दुक्ख''' (माने: दुख) आ ओकरा से मुक्ति (निब्बान) प आधारित बा।
 
बुद्ध के जनम शाक्य कुल के एगो राज परिवार मे भइल रहे बाकिर अंत मे ऊ सभ त्याग के एगो मुनि बनि गइल रहन। बौद्ध कथा सभ के अनुसार, बरसन के कष्ट, ध्यान आ संन्यास के बाद इनकरा बोधि प्राप्त भइल आ ई ओह तंत्र के बुझ लिहलन जे लोगन के जीवन आ मरन के चक्का मे बान्ह के धइले रहेला। ओकरा बादि बुद्ध [[सिंधु-गंगा के मैदान]] मे सागरोसगरो घूमि घूमि के सभन के शिक्षा दिहले आ संघ के स्थापना कइलें। बुद्ध भारतीय श्रमन परंपरा के कामुक भोग आ गंभीर तपस्या के बीचे एगो मध्यम मार्ग सिखवलन। ऊ एगो आध्यात्मिक मार्ग के शिक्षा दिहलें, जेमे नैतिक शिक्षा आ ध्यान लगावे के लूर जइसे झ्यान आ सति शामिल बा। बुद्ध ब्राह्मण सभ के परंपरा, जइसे पसुबलि, के विरोधो कइलन।
 
'''बुद्ध''' शब्द क अर्थ होला अइसन व्यक्ति जे के बोधि (मने ज्ञान) मिल गइल होखे आ [[बौद्ध धर्म]] में इहाँ के सबसे बड़ ज्ञान प्राप्त व्यक्ति मानल गइल बा आ सम्मासंबुद्ध अथवा सम्यकसम्बुद्ध कहल जाला। शाक्य कुल में जनम की कारण इनके के शाक्यमुनि कहल जाला। गोतम गोत्र में जनम भइल आ जनम की बाद नाँव सिद्धार्थ धराइल जेवना से इनके नाँव सिद्धार्थ गौतम भइल। ज्ञान (बोधि) प्राप्त कइ लिहला पर बुद्ध, गौतम बुद्ध, महात्मा बुद्ध आ भगवान बुद्ध कहल जाए लागल।