गौतम बुद्ध: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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लाइन 29:
'''बुद्ध''' शब्द क अर्थ होला अइसन व्यक्ति जे के बोधि (मने ज्ञान) मिल गइल होखे आ [[बौद्ध धर्म]] में इहाँ के सबसे बड़ ज्ञान प्राप्त व्यक्ति मानल गइल बा आ सम्मासंबुद्ध अथवा सम्यकसम्बुद्ध कहल जाला। शाक्य कुल में जनम की कारण इनके के शाक्यमुनि कहल जाला। गोतम गोत्र में जनम भइल आ जनम की बाद नाँव सिद्धार्थ धराइल जेवना से इनके नाँव सिद्धार्थ गौतम भइल। ज्ञान (बोधि) प्राप्त कइ लिहला पर बुद्ध, गौतम बुद्ध, महात्मा बुद्ध आ भगवान बुद्ध कहल जाए लागल।
ज्ञान अथवा बोधि के सही स्वरूप के भाषा आ वाणी द्वारा वर्णन ना हो सकेला ओकरी ओर खाली इशारा भर कइल जा सकेला एही से गौतम बुद्ध के ''तथागत'' भी कहल जाला जेकर मतलब होला 'जे ''उहाँ'' पहुँच गइल होखे' या 'जे ''ओ'' (ज्ञान) के प्राप्त कइ लिहले होखे/प्राप्त हो गइल होखे'।
 
भगवान बुद्ध अपनी शिक्षा से मध्यम मार्ग क उपदेश दिहलीं जेवना क अर्थ होला इन्द्रिय सुख मे लिप्त रहला आ सारा इन्द्रिय सुख की निषेध की बीच के मार्ग।
सामाजिक सांस्कृतिक रूप से बुद्ध भगवान के शिक्षा ओ समय की ब्राह्मण धर्म की खिलाफ़ एगो विद्रोह की रूप में भी देखल जा सकेला काहें से की ए नया धर्म में जात-पात आ कर्मकांड क विरोध कइल गइल आ ज्ञान प्राप्त करे खातिर आपन रास्ता खुद खोजे खातिर निर्देश दिहल गइल।
 
मुवला के दु बरिस बादि लोग उनकरा '''बुद्ध''' के पदवी दिहल जेकर माने होला, अइसन मनई जेकरा बुद्धि चाहे ज्ञान होखे। इनकर सिखावल बातन के सुत्त आ विनय के रूप मे सइंत के धइल गइल।
 
==इतिहासी व्यक्ति की रूप में गौतम बुद्ध==