ईवा एकेब्लाड: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर
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ईवा एकेब्लाड (टेम्पलेट:En-lang) (10 जुलाई 1724 – 15 May 1786) एगो स्वीडेन के कृषिबिज्ञानी आ बैज्ञानिक रहलीं। इनके लोग 1746 में आलू से पिसान आ सराब बनावै के तरीका खोजै बदे ढेर जानैला, जवना से स्वीडन मे अनाज क तंगी दूर भइल आ भुखमरियो के घटना में कमी आइल।
ईवा एकेब्लाड | |
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जनम | 10 जुलाई 1724 स्टॉकहोम, स्वीडन |
निधन | 15 मई 1786 स्कैराबोर्ग काउंटी, स्वीडन | (उमिर 61)
निवास | स्टॉकहोम आऊर वास्टगोटलैंड |
नागरिकता | स्वीडिश |
काम के क्षेत्र | कृषिवैज्ञानिक |
Known for | आलू से पिसान आ सराब बनावै खातिर (1746) |
प्रभावित कइलें | आलू के बुनियादी भोजन बनाय के भुखमरी घटवलीं |
पुरस्कार/सम्मान | मेंबरशिप इन रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑव साइंस (1748) |
जीवन साथी | Claes Claesson Ekeblad (बि. 1740; his death 1771) |
संतान | हेडा पाइपर के लेके 7 गो |
नोट | |
रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑव साइंस में पहिलकी महिला: पूर्ण सदस्य 1748–51, मानद सदस्य 1751–86 |
ईवाब्लाड रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑव साइंस (1746) क पहिलकी महिला सदस्य रहलीं।[1][2][3]
References
- ↑ Riksarkivet Band 12 (1949), p.637
- ↑ "Eva Ekeblad". www.bgf.nu. Archived from the original on 14 मार्च 2016.
- ↑ Anteckningar om svenska qvinnor, Wilhelmina Stålberg, P. G. Berg. 1864, pp. 130–131