'''भोजपुरी उपन्यास''' क मतलबमाने इहाँ अइसन [[उपन्यास|उपन्यासन]] से बा जिनहन के रचना [[भोजपुरी भाषा]] में भइल बा। विश्व की सगरी भाषा कुल में साहित्य क एगो अइसन विधा पावल जाले जेवना में गद्य रूप में लंबा वर्णन आ जीवन की हर पहलू क वर्णन मिलेला आ एही के नाँव [[उपन्यास]] हवे। अइसन उपन्यासन क रचना भोजपुरी भाषा में बाद में भले शुरू भइल लेकिन भोजपुरी भाषा की साहित्य में उपन्यासन क एकदम्मे अभाव नइखे। भोजपुरी के पहिला उपन्यास [[बिंदिया]] श्री रामनाथ पाण्डेय जी के रचना बा जेवना क प्रकाशन सन् 1956 में भोजपुरी संसद, जगतगंज, [[वाराणसी]], से भइल।<ref>डॉ.विवेकी राय, भोजपुरी कथा साहित्य के विकास</ref> एकरी बाद से लगातार भोजपुरी में उपन्यासन क रचना जारी बा।