मिस्र: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

Content deleted Content added
काहिरा यानी मिस्र में दर्शनीय सूर्य वेधशाला amrutam
टैग कुल: Reverted मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
लाइन 1:
सन २०१२ में इजिप्ट में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में मध्यप्रदेश के करीब २५ उद्योगपतियों को राज्य शासन ने चुना और हम भारत सरकार के एक उपक्रम मृगनयनी के डायरेक्टर श्री आर पी सिंह के विनम्र सहयोग और आशीर्वाद स्वरूप हमे मिस्र की राजधानी कायरो जाने का सौभाग्य मिला।
मित्रों के साथ रवानगी....हमारे साथ श्री अशोक प्रेमी, रामप्रताप सिंह, ब्रजेश गोस्वामी आदि ८ लोग ग्वालियर से दिल्ली पहुंचे।
दूसरे दिन सरकारी कार्यवाही के बाद एयरपोर्ट पहुंचकर कायरो के लिए हवाई जहाज में बैठकर ८ घंटे बाद कायरो में थे।
चूंकि हमारी व्यवस्था सरकार द्वारा की गई थी, तो हम लोग सीधे होटल जाकर रुके। यह उच्च दर्जे का था।
करें में हम लोग लगभग १२ दिन तक रहे और वहां की प्राचीन संस्कृति को बारीकी से जाना।
महादेव की मेहरबानियों के खजाने की सबसे कीमती कृपादृष्टि है, जिसकी बदौलत आदमी सफलता के सर्वोच्च शिखर तक पहुंच जाता है। !!हर हर हर महादेव!!
 
मिस्र देश की राजधानी कायरो साफ सुथरी नील नदी के किनारे बसा है।
संस्कृत भाषा में मिस्र के अर्थ है…मिश्रित, मिस्त्री, विभिन्न योग्यताओं वाले ज्ञानी, वैज्ञानिक लोगों का मिश्रित होकर रहना।
मैं कभी मिस्र देश नहीं गई लेकिन मेरे पति वहां 12 दिनों तक रहे और अक्सर मिस्र के किस्से सुनाते रहते हैं।
अपने पति की डायरी में लिखे यात्रा संस्मरण, वृतांत से लिया गया यह लेख आपको आनंद से लबालब कर देगा।
क़ाहिरा के बारे में यह जानकारी मेरे पति की भावुक लेखन शैली और उन्ही के शब्दों में प्रस्तुत है। हो सकता है कि इस ब्लॉग में टाइपिंग की वजह से शब्दों में गलती हुई हो।
ल लिखा गया यह लेख भूल चूक क्षमा कर जरूर स्वीकारेंगे
सन २०१२ में इजिप्ट में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में मध्यप्रदेश के करीब २५ उद्योगपतियों को राज्य शासन ने चुना और हम भारत सरकार के एक उपक्रम मृगनयनी के डायरेक्टर श्री आर पी सिंह के विनम्र सहयोग और आशीर्वाद स्वरूप हमे मिस्र की राजधानी कायरो जाने का सौभाग्य मिला।
मित्रों के साथ रवानगी....हमारे साथ श्री अशोक प्रेमी, रामप्रताप सिंह, ब्रजेश गोस्वामी आदि ८ लोग ग्वालियर से दिल्ली पहुंचे।
दूसरे दिन सरकारी कार्यवाही के बाद एयरपोर्ट पहुंचकर कायरो के लिए हवाई जहाज में बैठकर ८ घंटे बाद कायरो में थे।
चूंकि हमारी व्यवस्था सरकार द्वारा की गई थी, तो हम लोग सीधे होटल जाकर रुके। यह उच्च दर्जे का था।
करें में हम लोग लगभग १२ दिन तक रहे और वहां की प्राचीन संस्कृति को बारीकी से जाना।
महादेव की मेहरबानियों के खजाने की सबसे कीमती कृपादृष्टि है, जिसकी बदौलत आदमी सफलता के सर्वोच्च शिखर तक पहुंच जाता है। !!हर हर हर महादेव!!
सूर्य मंदिर यानि पिरामिड के दर्शन....मिस्र में दुनिया के सात अजूबों में से एक पिरामिड को देखा, तो लगा कि कभी ये सूर्य मंदिर था। यह पूर्णतः वैज्ञानिक और भारतीय यंत्र, तंत्र पद्धति से निर्मित है। यहां ध्यान बहुत अच्छा लगता है तथा ध्यान के दौरान ॐ की ध्वनि सुनाई पड़ती है।
अंतरात्मा कहती है कि इन पिरामिड का निर्माण हिंदुस्तानी वैदिक ऋषि अगस्त्य के देख रही में हुई होगी। क्यों की दक्षिण भारत के लगभग ११००० शिवालयों का वास्तु शिल्प का में पिरामिड से मिलता जुलता है। किसी दिन यह सच भी सामने आएगा, भले ही इसमें १०० या २०० वर्ष लगे।
भविष्य पुराण, सूर्यांक, ब्रह्म वैवर्त पुराण के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र प्रधुम्न ने किसी रेगिस्तान में अपने कुष्ठ रोग से मुक्ति के लिए एक विशाल सूर्य मंदिर का निर्माण कराया था। जो की पूरी तरह विज्ञान एवं आकाशीय तरंगों के मुताबिक निर्मित था। इसकी सबूत सहित जानकारी कभी अलग से अमृतम पत्रिका में दी जाएगी।
हिंदू महर्षियों (वैज्ञानिकों) को ममी....मिस्र काहिरा के पिरामिडों में रखी हुई ममी के चेहरे देखकर लगता है की ये कोई ऋषि मुनि रहे होंगे। उनकी वेशभूषा से ऐसा प्रतीत होता है कि ये मुस्लिम तो कतई नहीं हो सकते।
काहिरा संग्रहालय में मिले कुछ खोज कर्ताओं में यहां तक बताया कि अनेकों प्राचीन ममियों के लिंग खतना रहित हैं।
अप कभी दक्षिण भारत के मंदिरों में जब प्राचीन सदगुरुओं की प्रतिमाएं देखेंगे, तो वे मिस्र की मामी से बहुत मेल खाती मिलेंगी।
अपनी ढ्पली अपना राग...दूसरी बात यह भी है कि मुस्लिम धर्म का उदय सन लगभग ६०० ईस्वी के दौरान मुहम्मद ने उपदेशक के रूप में प्रवचन देना आरंभ किया था। इससे पहले हज़रत आदम से इस्लाम दुनिया में आया। इस घटना के बाद इस्लाम का बढ़ना शुरू हुआ है। हालाँकि आज तक इसे एक नए धर्म के रूप में नहीं देखा।
रिसर्चर के अनुसार मिश्र देश की कुछ ममी 5000 साल से भी पुरानी हैं। सब कुछ दृश्यों से प्रतीत होता है कि बहुत बड़ा गाला है।
निवेदन...हिंदू विचारधारा के लोग कभी मिस्र जाएं, तो अपनी दृष्टि एवम बुद्धि खोलकर रखें और नई खोज करके विश्व को बताएं।
अवशेषों का खजाना है... मिस्र देश --मिस्र को पृथ्वी पर अति प्राचीन यात्रा पर्यटन स्थल माना जाता है। यहां के सूर्य मंदिरों (पिरामिडों) ने हजारों वर्षों से टूरिस्ट की कल्पना पर कब्जा कर लिया है।
पिरामिड यानि सूर्य मंदिर के भीतर स्वयं को एकांत में पाना अब एक वास्तविक संभावना है।
तहरीर स्क्वायर के विश्व प्रसिद्ध मिस्र के संग्रहालय में, आगंतुक तूतनखामुन के खजाने के साथ-साथ मिस्र के प्राचीन अतीत की ममियों और अन्य कलाकृतियों का नज़दीक से दृश्य देख सकते हैं।
शहर की सबसे ऐतिहासिक मस्जिदें भी देखने लायक हैं। 9वीं शताब्दी में वापस डेटिंग जब फातिमियों ने शहर को अपनी राजधानी बनाया, इब्न तुलुन मस्जिद काहिरा में सबसे पुराना है।
वास्तव में मिस्र के पिरामिड वहां के तत्कालीन फैरों यानी सम्राटों के स्मारक स्थल हैं जिसके अंदर वहां के राजाओं और रानियों और बहुत से बहुचर्चित हस्तियों के शवों को दफनाकर सुरक्षित रखा गया है।
सूर्य शिवालय रूपी पिरामिड का आकार ....हमारे भारतीय सनातन परंपरा में ईश्वर और महालक्ष्मी का निवास पिरामिड जेसी आकृति के मंदिरों में होता है। दक्षिण के अनेक शिवालय इसकी गवाही देते हैं।
त्रिभुजाकार होता है और यदि इसके किनारों की लम्बाई, ऊंचाई और कोणों को नापा जाय तो बहुत सारी चीज़ों की गणना की जा सकती है खासकर जो पृथ्वी से संबंधित हो। इसीलिए इनको गणित की कुंडली भी कहा जाता है।
गीजा शहर जरा धैर्य से घूमे...काहिरा की राजधानी के पश्चिम में एक रेगिस्तानी पठार पर स्थित, गीज़ा एक पुराना शहर है।
गीजा क्यों प्रसिद्ध है?...गीज़ा के तीन मुख्य पिरामिड एक प्राचीन क़ब्रिस्तान हैं जो तीन मिस्र के फिरौन - खुफ़ु, खफ़्रे और मेनकौर के लिए मकबरे के रूप में बनाए गए थे।
क्षेत्र में उपग्रह पिरामिडों का बिखराव उनकी पत्नियों और शाही परिवार के सदस्यों को दफनाने के लिए एक जगह के रूप में बनाया गया था।
पिशाचों का पिरामिडों ....मिस्र में कुल 138 पिरामिड हैं मगर इन सब में ‘गीज़ा का ग्रेट पिरामिड’ ही सबसे प्रख्यात है। इसकी ऊंचाई लगभग 450 फ़ीट है।
बड़े बड़े चूना पत्थरों के ब्लॉक से इसे निर्मित किया गया है। इसके अलावा कुछ प्रमुख पिरामिड के नाम हैं-
खूफ़ू का पिरामिड
खाफरे का पिरामिड
बेंट पिरामिड
रेड पिरामिड
डेजोसेर का स्टेप पिरामिड
मेंकौरे का पिरामिड
मेडुम का पिरामिड
उनस का पिरामिड
तेती का पिरामिड
हवारा का पिरामिड
उसेरकाफ का पिरामिड
लहुं का पिरामिड
समुद्र के किनारे बसा; लक्सर ...इसे दुनिया के सबसे बड़े ओपन एयर संग्रहालय" के रूप में जाना जाता है और यह मिस्र के सबसे लोकप्रिय यात्रा स्थलों में से एक है।
मंदिरों का अंबार......लक्सर मिस्र में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में लक्सर मंदिर, कर्णक मंदिर, किंग्स एंड क्वींस की घाटी और बहुत सारे लोकप्रिय स्थल शामिल हैं, जो इस प्राचीन शहर के गौरवशाली इतिहास में डुबकी लगाने का मौका देते हैं।
लक्सर...एक असाधारण मंदिरो का शहर जिसे बनाने में 2,000 से अधिक वर्षों का समय लगा। यद्यपि पूरे कर्णक परिसर में चार मुख्य भाग होते हैं, अमुन (श्री महालक्ष्मी अम्मन) के मंदिर के रूप में जाना जाने वाला मुख्य ढांचा ही एकमात्र ऐसा है जो आम जनता के लिए खुला है।
लक्सर मिस्र में प्राचीन वैदिक कालीन तीर्थ तथा अच्छी जगहें निम्नलिखित हैं....
कर्णक मंदिर ... यह कोणार्क उड़ीसा के मंदिर से मेल खाता है। इसके भीतर सभी स्मारक विशाल पैमाने पर हैं और पूरे परिसर को समझने देखने में ४ से ६ घंटे लगेंगे
सप्तऋषियों ने बनाए हैं - पिरामिड अकबर के मंदिर....लोककथाओं के अनुसार एक मृत राजा की आत्मा जो सूर्य देव के साथ रात भर अकाशलोक में विचरण करती रही और उसी ने सूर्य को आधार मानकर पिरामिडों की रचना की, ताकि लंबे समय तक उन सूर्य मंदिरों में मारे हुए आदमी को रख सकें, जो कभी पुनः जीवित हो जायेगी। इस महान आत्मा का नाम महर्षि अगस्त्य था।
मिस्र के मंदिर जैसे पिरामिड मुस्लमान, मुगल आदि द्वारा निर्मित नहीं हैं। ये भी ज्ञानवापी मस्जिद, आगरा का तेजो महा शिवालय (ताजमहल) जैसे ही थे। इन्हे कब्जाया गया है।
कब्रों की दीवारों पर मृत व्यक्ति के निर्देशों के साथ उनकी यात्रा को दर्शाने वाले ग्रंथों और दृश्यों से अलंकृत किया गया है।
घाटी में 63 मकबरे शामिल हैं।
असवान (सूर्य का एक नाम विवस्वान) में घूमने वाले स्थान...
अबू सिंबल शिव मंदिर
फिलै मंदिर या आइसिस का मंदिर
अधूरा ओबिलिस्क
कोम ओम्बो (काली अंबा) मंदिर
एडफू मंदिर
असवान हाई दाम
न्युबियन संग्रहालय
अलेक्जेंड्रिया : मिस्र से आने पर भूमध्य सागर का प्रवेश द्वार। यहां का महाविशाल पुस्तकालय देखने योग्य है। इसमें भारत से ले जाए गए हजारों धार्मिक ग्रंथ, पांडुलिपियां, उपनिषद, भाष्य आदि उपलब्ध हैं। इस लायब्रेरी में रावण रचित हस्तलिखित रावण संहिता, भृगु संहिता के कुछ भाग रखे हुए हैं।
जूते जरूर खरीदें.... मछली की खाल के जूते बहुत सुंदर हल्के, टिकाऊ मिलते हैं।
शिवालय मस्जिद...
विशाल समुद्र के किनारे बनी एक मस्जिद बहुत प्राचीन शिव मंदिर सा प्रतीत होता है। यहां 134 स्तंभों का एक लुभावनी पत्थर का जंगल है जो 21 मीटर (69 फीट) ऊंचा है। ये भी कभी एक शिवालय था।
रानी Nefertari की प्रेम खानी उसका मकबरा....
ईश्वर आदमी की जिंदगी में मेहरबानियां बरसाने के अनेक तरीके जानता है।
मिस्र के एक हिंदी भाषी गाइड ने हमें एक सत्य और रोचक किस्सा सुनाया, जिससे ह्रदय बहुत अश्रुपूरित हुआ। जाने क्या है एक गरीब लड़की की प्रेम कहानी, जिसने रहा को विजय दिलाई...
नाफरीतिती अत्यंत दीन हीन गरीब, जो नाच गाकर गुजर बसर कृति थी। जिसकी सुंदर देहयष्टि और मनमोहक आवाज।
आवाज की जादूगरनी....
सुंदरता और मधुर आवाज का ही जादू था, जिसने झोंपड़ी की एक साधारण नवयौवना को राजसत्ता के सिंहासन पर लाकर बैठा दिया । एक ऐसा तिलिस्म बनकर, जिसके कि रूप और स्वर के सैलाब में पूरा एक जमाना डूबता-उतराता रहा था।
रूप और स्वर के सम्मोहनकारी लमहे आज भी अंकित हैं इतिहास के पृष्ठों में, एक यादगार प्रेम कथा बनकर।
अखनातून और नाफरीतिती की प्रेम कथा के रूप में नाफरीतिती अखनातून की लोकप्रिय बेगम थी।
नाफरीतिती पूरे शहर की प्रेमिका थी...
राजा अखनातून ईसा पूर्व इजिप्ट के इतिहास के जिस दौर को यह कहानी है, उस दौर में, राजवंश की अठारहवीं पीढ़ी का राजा अखनातून इजिप्ट की राजसत्ता की बागडोर संभाले हुए था।
उस समय इजिप्ट के राजा को फेरो (कहीं-कहीं फराहो संबोधन का भी उल्लेख है) कहा जाता था।
कलामर्मज्ञ, प्रखर योद्धा अखनातून अपने इतिहास में एक लोकप्रिय राजा के रूप में आज भी याद किया जाता है और काहिरा के बाजारों में आज भी नाफरीतिती और अखनातून की छवि कलाकृतियों में टंकी हुई, अप्रतिम प्रेमी युगल के रूप में, इतिहास की याद को ताजा बनाये हुए है।
वह बसंत की गुनगुनी शाम थी। आकाश से उतरता सुरमई उजाला वातावरण को और मोहक बना रहा था। पक्षी अपने-अपने नीड़ की ओर चहचहाते हुए जाने लगे थे।
मंद-मंद बहती हवा चारों दिशाओं में खुशबू की रंगोली सजा रही थी। इन सबसे बेखबर अपने विचारों में डूबे नगर प्रमुख की विचारतंद्रा को हवा में तैरती एक संगीत-लहरी ने अचानक भंग किया।
“रथ रोको !" आदेशात्मक लहजे में सारथी से उन्होंने कहा....। और फिर ध्यानपूर्वक दूर से आती संगीत-लहरी को सुनने लगे।
यह एक अल्हड़ नवयौवना की आवाज का बेतकल्लुफ जादू था, जिसके सैलाब में नगर प्रमुख आहिस्ता-आहिस्ता डूबते ही चले गये। सौंदर्य एवं संगीत की प्रतिमा नाफरीतिती सन्नाटे के उस छोर से आती आवाज को ओर उन्होंने निहारा।
वीरान मार्ग के उस तरफ, रंगबिरंगे परिधानों में सज्जित, श्रोता समुदाय को धुंधली आकृति उन्हें दिखायी पड़ी। 'लगता है कोई कबीला अपना पारंपरिक उत्सव मना रहा है और उसी में कोई गायिका गाना गा रही है।
मन-ही-मन उन्होंने सोचा और फिर सारथी को तर्जनी से संकेत करते हुए कहा, "उस दिशा में चलो ।” और धूल उड़ाता रथ उस ओर दौड़ने लगा।
भीड़ के केंद्र में आग प्रज्वलित की गयी में थी, जिसे घेरे वर्तुलाकार ढंग से व्यवस्थित थे श्रोता।
अग्नि की प्रदीप्ति में तपे कुंदन-सा दीप्त हो रहा था गायिका का चेहरा।
उसके हाथ में थी ढफली जो संगीत के आरोह-अवरोह के साथ बड़े लयात्मक ढंग से थिरक रही थी। बदन पर तार-तार हो गया एक गंदला- सा लिबास।
गायिका की पुष्ट देह और मादक उठान को ढकने में सर्वथा असमर्थ था वह लिबास । सब तरफ से लापरवाह और बेखबर, आंख बंद कर, गाने में डूबी हुई थी वह नवयौवना । नगर प्रमुख ने उस रूपराशि को निहारा तो मंत्रमुग्ध-से हो गये ।
सैनिकों में उत्साह का मानो लावा फूट पड़ा। नाफरीतिती का ताबूत फिर विजय का मंत्र सिद्ध हुआ। राजा अपनी सेना लिए, जिसके बीचों-बीच एक रथ पर नाफरीतिती का ताबूत खड़ा हुआ था, अपने पूर्व राज्य की ओर बढ़ गया।
जनता में खबर फैल गयी कि फेरो फिर नाफरीतिती के ताबूत को ढूंढ़ लाये हैं।
 
उत्साह और उमंग से जनता नाचने लगी। शत्रु सेना के पैर फिर उखड़ गये।
 
रूप और स्वर के जादू ने एक बार फिर अपना असर दिखा दिया था। फेरो फिर सिंहासन पर बैठे। उसके बाद विद्रोहियों ने फिर कभी सिर नहीं उठाया।
 
नाफरीतिती मरकर भी अपने पति को विपत्तियों से बचाती रही।
 
नाफरीतिती को सारा शहर एक अमर प्रेमिका के रूप में पूजता रहा और उसकी प्रेमकथा इतिहास की एक अमरगाथा बनकर जनश्रुतियों और किवदंतियों में आज भी महक रही है।
 
प्राचीन खंडहरों, मंदिरों और प्राकृतिक सुंदरता का शहर लक्सर ऐसे कई अनुभव प्रदान करता है।
 
राजाओं की घाटी....
 
राजाओं की लोकप्रिय घाटी एक विशाल घाटी है, जो चट्टानी ढलानों के बीच छिपी हुई है। यह 18वें, 19वें और 20वें राजवंशों के राजाओं का अंतिम विश्राम स्थल था।
 
सिआवा ओएसिस। नदियों के उदगम नमक किताब के अनुसार सिहावा नामक स्थान से महानदी निकली है। भारत में इस जगह को धमतरी से 50km दूर सिहावा नामक घने घन से बताया है, लेकिन यह नदी वहां से नहीं निकली। हम खुद देखकर आए हैं। महानदी उड़ीसा, तथा छत्तीसगढ़ की मुख्य नदी है। शास्त्रों में कही कहीं मिस्र की नील नदी को ही महानदी बताया है।
 
राजा तूतनखामुन का मकबरा
 
आपकी जानकारी के लिए मिस्र के कुछ प्रमुख आकर्षण इस प्रकार हैं-
 
लक्सर मंदिर
 
रामेसुम (रामासुर्य) यहां श्री राम ने सूर्य की कठोर उपासना की थी।
 
कर्णक मंदिर
 
ऐबदोस मंदिर
 
लक्सर मंदिर एवम संग्रहालय
 
दीर अल-बहारी मंदिर
 
रईसों के मकबरे
 
दीर अल-बहरी का मंदिर (रानी हत्शेपसट का मंदिर)
 
क्वींस की घाटी
 
रानी Nefertari . का मकबरा
 
मिस्र का संग्रहालय
 
सफ़ेद रेगिस्तान
 
गीज़ा के पिरामिड
 
इस्लामिक काहिरा
 
अबू सिंबल
 
सक़्क़ारा
 
असवान
 
दक्षिण सिनाई
 
नील क्रूसिंग
 
सेंट कैथरीन मठ
 
अलेक्सेंड्रिआ
 
थिस्ट्लेगोरन दायिव साइट
 
नीचे ये चित्र राधिचक्र का है जिसे घर में लगाने से वास्तु दोष दूर होता है और खुशहाली बढ़ती है।
 
यह फोटो amrutampatrika. com पर सर्च करें
 
{{coord|26|N|30|E|dim:1000km_type:country_region:EG|format=dms|display=title}}
{{Infobox country
Line 86 ⟶ 252:
 
{{clear}}
 
==संदर्भ==
{{Reflist}}
"https://bh.wikipedia.org/wiki/मिस्र" से लिहल गइल