जगजीत सिंह: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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==आरंभिक दिन==
[[File:Shahid Kabir with Jagjit Singh and his son, Sameer Kabeer.jpg|thumb|Jagjit Singh (middle) with poet Shahid Kabir and his son, Sameer Kabeer]]
जगजीत जी क जन्म 8 फरवरी 1941  (मृत्यु 10 ऑक्टोबर 2011) के  [[राजस्थान]] की गंगानगर में भईलभइल रहे। पिता सरदार अमर सिंह धमानी भारत सरकार क कर्मचारी रह न। जगजीत जी क परिवार मूलतः [[पंजाब]] (भारत) की  रोपड़ ज़िला की दल्ला गांव क रहे वाला ह।<ref>http://www.firstpost.com/living/the-guilty-pleasure-of-jagjit-singh-indias-ghazal-king-103483.html</ref> मां बच्चन कौर पंजाब क ही समरल्ला की उट्टालन गांव क रहे वाला रहली। <ref name=TOI20021110>{{cite news |last=Sawhney |first=Anubha |title=Unforgettable moments with Jagjit Singh|url=http://timesofindia.indiatimes.com/articleshow/27885263.cms|accessdate=11 January 2012|newspaper=Times of India|date=10 November 2002}}</ref> जगजीत क बचपन का नांव जीत रहे। करोड़ों सुने वाला श्रोता लोगन की चलते सिंह साहब कुछ ही दशक में जग के जीते वाला जगजीत बन गई न। शुरूआती शिक्षा गंगानगर की खालसा स्कूल में भईलभइल और बाद में पढ़े खातिर जालंधर आ गई न। डीएवी कॉलेज से स्नातक क डिग्री लीह न और एकरी बाद कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय से इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएशन कई न।<ref name=Guardian20111025>{{cite news |newspaper=The Guardian |location=London |title=Jagjit Singh obituary |first=Asjad |last=Nazir |date=25 October 2011 |url=https://www.theguardian.com/music/2011/oct/25/jagjit-singh-obituary |accessdate=11 January 2012}}</ref>
 
इन क पढ़ाई में दिलचस्पी कम रहे। कई क्लास मे त दू- दू साल गुज़रल। एक बेर आपन चचेरी बोहीन की शादी में जमल महिला मंडली की बैठक में जाके गीत गावे लग न। पूछले प कहें कि सिंगर नहीं बनती त धोबी होतीं। पिता के इजाज़त की बग़ैर फ़िल्म देखल और टाकीज में गेट कीपर के घूस देके हॉल में घुसल आदत रहे।
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==संगीत क सफ़र==
 
बचपन में अपनी पिताजी से संगीत विरासत में मिलल रहे। गंगानगर में ही पंडित छगन लाल शर्मा की सानिध्य में दू साल ले शास्त्रीय संगीत सीखले क शुरूआत कई न। आगे जाकर सैनिया घराना की उस्ताद जमाल ख़ान साहब से ख्याल, ठुमरी और ध्रुपद क बारीकी सीख न। पिता क ख़्वाहिश रहे कि उन क बेटा भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में जाए लेकिन जगजीत जी प त गायक बनले क धुन सवार रहे। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पढ़ाई की दौरान संगीत में उन क दिलचस्पी देख के कुलपति प्रोफ़ेसर सूरजभान जगजीत सिंह जी के बहुत उत्साहित कई न। उनहीं की कहले प उ 1965 में [[मुंबई]] आ गई न।<ref name=Guardian20111025 /> एही जा से संघर्ष क दौर शुरू भईल।भइल। उ पेइंग गेस्ट की तौर पर रहें और विज्ञापनन खातिर जिंगल्स गाके या शादी-समारोह वगैरह में गाके रोज़ी रोटी का जुगाड़ करें। 1967 में जगजीत जी क मुलाक़ात चित्रा जी से भईल।भइल। दू साल बाद दुनुं 1969 में परिणय सूत्र में बंध गईल लो।.<ref name="TOI20021110"/>
 
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