सारनाथ: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर
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== इतिहास ==
भगवान बुद्ध करीब 533 ई. पू. में इहाँ आपन पहिला उपदेश दिहलें जे के धर्मचक्र प्रवर्तन कहल जाला। एकरी बाद लगभग तीन सौ बारिस क इतिहास मालुम नइखे काहें से कि पुरातात्विक खोदाई में ए समय क कौनो चीज ना मिलल बा। मौर्य काल में [[अशोक]](304-232 ई.पू.) की समय से सारनाथ के इतिहास की बारे में जानकारी मिलेला। सम्राट अशोक इहाँ स्तंभ लगववलें आ ओपर ब्राह्मी लिपि में आपन आदेश लिखववलें। कनिष्क की समय में इहवाँ बोधिसत्व के मूर्ति लगावल
[[Image:Five disciples at Sarnath.jpg|thumb|center|550px|[[धर्मचक्र प्रवर्तन|धर्मचक्र]] की आगे विनय पूर्वक बइठल [[भगवान बुद्ध]]के पहिला पांच शिष्य]]
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