हजारी प्रसाद द्विवेदी: रिवीजन सभ के बीचा में अंतर

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द्विवेदी जी क प्रारंभिक शिक्षा गांव की इस्कूल में भइल आ उहंवें से उहाँ क मिडिल क इम्तिहान पास कइलीं। एकरी बाद उहाँ क इंटर क परीक्षा आ ज्योतिष विषय में आचार्य क परीक्षा पास कइलीं। पढ़ाई लिखाई खतम क के द्विवेदी जी [[शांतिनिकेतन]] चलि गइलीं आ कई बरिस ले उहाँ हिंदी क पठन-पाठन कइलीं । शांतिनिकेतन में गुरुदेव [[रवींद्रनाथ ठाकुर]] आ आचार्य क्षितिमोहन सेन की परभाव से साहित्य क गहन अध्ययन और रचना शुरू कइलीं।
 
द्विवेदी जी का व्यक्तित्व बड़ा प्रभावशाली आ उहाँ क स्वभाव बड़ा सरल आ उदार रहे। पंडित जी [[हिंदी भाषा|हिंदी]], [[अंग्रेज़ी]], [[संस्कृत]] आ [[बंगाली]] भाषा क विद्वान रहलीं। भक्तिकाल की साहित्य का उहाँ के बहुत नीमन आ बिस्तार से ज्ञान ज्ञान रहे। [[लखनऊ विश्वविद्यालय]] उहाँ के डी.लिट. की उपाधि दे के विशेष सम्मान कइलस। उहाँ क [[बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय|बी.एच.यू.]] में हिंदी पढ़ावलीं आ उहाँ के भारत सरकार 1957 में [[पद्मभूषण]] सम्मान से सम्मानित कइलस।
 
'''बाणभट्ट की आत्मकथा''' नाँव क उपन्यास पंडित जी क सबसे परसिद्ध आ महत्व वाली रचना मानल जाले।<ref>भगवती चरण मिश्र - [http://books.google.co.in/books?id=7zAiPCrdGOkC&lpg=PA131&dq=%E0%A4%B9%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80%20%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A6%20%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A5%80&pg=PA132#v=onepage&q=%E0%A4%B9%E0%A4%9C%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80%20%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A6%20%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%B5%E0%A5%87%E0%A4%A6%E0%A5%80&f=false हिंदी के चर्चित उपन्यासकार] पृष्ठ 132।</ref>