कबीर

भारतीय संत, रहस्यवादी आ कवी (1398-1494)

कबीरदास चाहे संत कबीर[1] 15वीं सदी के एगो संत महात्मा, रहस्यवादी आ कवी जिनके रचना आ उपदेश के परभाव, कुछ बिद्वान लोग के अनुसार तत्कालीन भक्ति आंदोलन पर पड़ल। इनकर जनम बनारस की लगे लहरतारा में भइल रहे। धार्मिक पाखण्ड की खिलाफ उपदेश दिहलें आ भगवान की निर्गुण रूप के आराधना करे के उपदेश दिहलें। निर्गुण भक्ति की कवि लोगन में कबीरदास क अस्थान बहुत ऊपर बा। कबीर के रचना सभ के अंश सिख धर्म के पबित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब में भी शामिल मिले ला।[2][3]

An 1825 CE painting depicts Kabir weaving

कबीर के जनम के बारे में जानकारी कथा-कहानी आ बिस्वास में तोपाइल बा। एगो कथा के मोताबिक इनकर जनम बाभन औरत से भइल रहल जेकर बियाह ना भइल रहे। एही कारन ऊ कबीर के त्याग दिहली आ ओकरे बाद इनका के मुस्लिम जोलहा परिवार पा गइल आ लालन-पालन कइल। इनके सुरुआती जिनगी मुस्लिम परिवार में बीतल एह बारे में साइद कमे संदेह बा, बाकी बाद में ई हिंदू संत आ गुरू रामानंद के परभाव में अइलें आ उनके चेला बन गइलें।[4]

कबीर के हिंदू आ मुस्लिम दुनों धरम के आलोचना करे खाती जानल जाला। उनके अनुसार हिंदू लोग वेद से आ करमकांड से भरमाव में बा आ ऊ एह लोग के धार्मिक रेवाज सभ के भरपूर आलोचना कइलें जेह में जनेव आ खतना दुनों के बिरोध सामिल बा।[5] इनका जिनगी में हिंदू आ मुस्लिम दुनों धरम के लोग इनके बिचार खातिर इनका के धमकावल। निधन के बाद इनके ऊपर दुनों धरम के लोग दावा कइल।[3](एह बात पर बिबाद भइल कि इनके जरावल जाय कि दफन कइल जाव)।

कृतियां संपादन करीं

धर्मदास उनके वाणी क संग्रह " बीजक " नाम के ग्रंथ मे कइन जेकर तीन मुख्य भाग ह: साखी , सबद (पद), रमैनी

  • साखी: संस्कृत ' साक्षी , शब्द क बिगड़ल रूप ह आ धर्मोपदेश के अर्थ में प्रयोग भयल ह। अधिक साखियां दोहे में लिखल गयल ह पर ओम्में सोरठा क भी प्रयोग मिलल ह। कबीर क शिक्षा और सिद्धांत क निरूपण अधिकतर साखी में भयल ह।
  • सबद गेय पद ह जेम्मा पूरी तरह संगीतात्मकता विद्यमान ह। एम्में उपदेशात्मकता के स्थान पर भावावेश क प्रधानता ह; काहें से कि एम्में कबीर के प्रेम आ अंतरंग साधना क अभिव्यक्ति भइल ह।
  • रमैनी चौपाई छंद में लिखल गयल ह एम्में कबीर के रहस्यवादी आ दार्शनिक विचारन के बतावल गयल ह।
 
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संदर्भ संपादन करीं

  1. Jaroslav Strnad (2013). Morphology and Syntax of Old Hindī: Edition and Analysis of One Hundred Kabīr vānī Poems from Rājasthān. BRILL Academic. p. 10. ISBN 978-90-04-25489-3.
  2. Kabir Encyclopædia Britannica (2015)Accessed: 27 जुलाई 2015
  3. 3.0 3.1 Hugh Tinker (1990). South Asia: A Short History. University of Hawaii Press. pp. 75–77. ISBN 978-0-8248-1287-4. Retrieved 12 जुलाई 2012.
  4. Encyclopedia Brittanica, The Editors of (1 जनवरी 2019). "Kabir". Encyclopedia Brittanica. Retrieved 20 जनवरी 2019. {{cite web}}: |first= has generic name (help)
  5. Carol Henderson Garcia; Carol E. Henderson (2002). Culture and Customs of India. Greenwood Publishing Group. pp. 70–71. ISBN 978-0-313-30513-9. Retrieved 12 जुलाई 2012.