अखंड भारत
अखंड भारत (बिना बिभाजन भा बँटवारा के भारत) चाहे अखंड हिंदुस्तान, एगो टर्म ह जे बिसाल-बड़हन भारत (ग्रेटर इंडिया) के बिचार के ब्यक्त करे ला। एह बिचार के तहत ई कहल जाला की आज्काल्ह के अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, नेपाल, तिब्बत, भूटान, बांग्लादेश, बर्मा (म्यांमा), श्रीलंका आ मालदीव एकही नेशन (राष्ट्र) हवें।
भारत के आजादी के लड़ाई के दौरान कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी अखंड हिंदुस्तान[1] खातिर आवाज उठवलें आ महात्मा गाँधी एह बिचार के सपोर्ट कइलें — ई मान के कि ब्रिटिश लोग भारत के "बाँटऽ आ राज करऽ" नीति पर चल के आपन राज बरकरार रखल चाहत बाटे। भारत के बँटवारा के खिलाफ मुंशी आवाज उठवलें आ एकर अगुआई गाँधी कइलें जब हरिजन पत्र में मुंशी के स्पीच अखंड हिंदुस्तान के नाँव से छपल।[2] पाकिस्तानी पत्रकार आ लेखक मज़हर अली खान लिखे लें कि खान बंधू लोग हिंदू-मुस्लिम एकता के समर्थन करे आ मुस्लिम लीग के ललकारल कि अलगा से इलेक्टोरेट के माँग से पहिले एह मुद्दा खातिर लड़ल जरूरी बाटे।
आज्काल्ह एह बिचार के समर्थन दक्खिनपंथी हिंदुत्ववादी लोग द्वारा, खास क के आरएसएस आ भाजपा के नेता लोग द्वारा कइल जा रहल बा। कई सेकुलरो लोग एह बिचार के समर्थन करे ला आ भारत के दोबारा एकीकरण (रीयूनीफिकेशन) के वकालत करे ला; जइसे इंडियन रीयूनिफिकेशन एसोसिएशन (आईआरए) जेकर चेयरमैन भारत क पूर्ब चीफ जस्टिस मार्कंडेय काटजू बाड़ें।
संदर्भ
संपादन करीं- ↑ Munshi, Kanaiyalal Maneklal (1942). Akhand Hindustan (अंग्रेजी में). New Book Company. Retrieved 15 अक्टूबर 2023.
- ↑ Asif, Manan Ahmed (24 नवंबर 2020). The Loss of Hindustan: The Invention of India (अंग्रेजी में). Harvard University Press. ISBN 978-0-674-24984-4. Retrieved 15 अक्टूबर 2023.
बाहरी कड़ी
संपादन करीं- Reunification of India; Kashmir perspective by Rasikh Barkat, Riyaz Ahmad, Afiya Javaid, and Mohsin Ilahi - Rabwah Times
- "India’s Partition in the Face of Opposition: An Unveiled Perspective" published by "Harvard Asia Quarterly" (Spring 2009, Vol XII, No. 2)
- The Indian Reunification Association (IRA)
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