अरथ शास्त्र (Economics; इकोनॉमिक्स) सामाजिक विज्ञान के साखा हऽ जेकरा भीतर चीजन आ सेवा कुल के उत्पादन, वितरन, बिनिमय आ उपभोग के अधयन करल जाएला। 'अरथ शास्त्र' सबद संस्कृत सबद अरथ (धन) आ शास्त्र के जोड़ से बनल बा, जेकर ठेत अर्थ हऽ - 'धन के अधयन'। कवनो बिषय से जुड़ला में मुनष्यन के काजन के ज्ञान के उ बिषय के शास्त्र कहल जाएला, इहे खातिर अर्थशास्त्र में इंसान के अरथ से जुड़ल काजन के ज्ञान होखल जरूरी बा।

डिमांड आ सप्लाई ग्राफ
सप्लाई आ डिमांड के डाइग्राम; मांग में बढ़ती के परभाव देखा रहल बा।

अरथ शास्त्र के फोकस एह बात पर होला कि ढेर तरीका केआर्थिक एजेंट सभ के बेहवार आ आपसी तालमेल कवना तरीका के बा आ अरथ बेवसथा सभ कइसे काम करे लीं। माइक्रोइकोनॉमिक्स में अर्थब्यवस्था के बेसिक तत्व सभ के बिस्लेषण कइल जाला जेह में एकहन एजेंट आ बजार (मार्केट), इनहन के अंतर्क्रिया, आ एह अंतर्क्रिया (इंटरैक्शन) सभ के परिणाम के अध्ययन शामिल होला। एह एकहक ठो एजेंट सभ में परिवार, फर्म, बिक्रेता, खरीदार वगैरह लोग सामिल होला।

एकरे बिपरीत मैक्रोइकोनॉमिक्स में पूरा अर्थब्यवस्था के बिस्लेषण कइल जाला (मने कि पूरा संपूर्ण उत्पादन, उपभोग, बचत, आ निवेश) आ पूरा अर्थब्यवस्था के परभावित करे वाला मुद्दा, बेरोजगारी, बिबिध किसिम के आर्थिक नीति वगैरह के अध्ययन आ बिस्लेषण कइल जाला।

अर्थशास्त्रीय विवेचना के प्रयोग समाज से संबंधित विभिन्न क्षेत्रन में कइल जायेला, जैसे:- अपराध, शिक्षा, परिवार, स्वास्थ्य, कानून, राजनीति, धर्म, सामाजिक संस्थान और युद्ध इत्यदि।