अवग्रह

कई भारतीय भाषा सभ में लिखाई के एगो चीन्हा

अवग्रह (ऽ) एगो देवनागरी चीन्हा ह जवन अंग्रेजी के एस (S) जइसन दिखेला। एकर प्रयोग संधि-विशेष के कारण लुप्त हो गइल। 'अ' के प्रदर्शित करे खातिर एकर प्रयोग कइल जाला। जइसे प्रसिद्ध महावाक्य 'सोऽहम्' में। पाणिनीय व्याकरण (अष्टाध्यायी) में ए संबंध में नियम बा। एकर प्रयोग संस्कृत में ए प्रकार होखेला-
बालकः+अयम्= बालको+अयम्=बालकोऽयम्।

अवग्रह
U+093D DEVANAGARI SIGN (HTML ऽ)

इ के पूर्वरूप स्वर संधि कहल जाला। इ अयादि सन्धि के अपवाद ह। आधुनिक भारतीय भषवन में एह चीन्हा के प्रयोग अतिदीर्घ स्वर (जइसे पुकारे में) खातिर भी कइल जाला, जैसे -'माइऽऽऽ'।

मैथिली भाषा में एकर प्रयोग अभी भी होला। जइसे "अपना पापक लेल पश्‍चात्ताप कऽ कऽ हृदय-परिवर्तन करू, कारण, स्‍वर्गक राज्‍य लग आबि गेल अछि”। एकर प्रयोग कहीं कहीं भोजपुरी में भी पावल गइल बा। जइसे- बनारस कऽ घाट पर बइठल रहलीं।