ऋग्वेद हिन्दू धर्म की परसिद्ध आ पवित्र चारि गो वेद में से पहिला आ सभसे महत्व वाला वेद हवे। ई सभसे पुरान आ सबसे बड़हन वैदिक संहिता हवे।

Rigveda

छन्द की रूप में या पद्द्य की रूप में मन्त्र के ऋचा कहल जाला। ऋग्वेद क अर्थ भइल ऋचा कुल क वेद। मने अइसन वेद जेवना में ऋचा कुल के एकठ्ठा कइल गइल होखे। इहाँ ई बाति साफ़ क दिहल जाय कि ऋग्वेद में खाली ऋचे के संग्रह कइल गइल ह जबकि बाकी वेदन में ऋचा कि साथे अउरी दूसर कुल चीज भी मिलेला।