ओखरी आ मूसर
ओखर आ मूसर धातु, पत्थर या लकड़ी से बनल एक प्रकार के गहिर पात्र (बर्तन) ह, जेमे पदार्थ के डाल के कूट के तोड़ल या पिसल जाला। [1] अक्सर छोट ओखरी जेमे जड़ी-बूटी या मशाला वगैरह कुटल जाला भोजपुरी में खल कहल जाला।
भोजपुरी संस्कृति में ओखर आ मूसर शब्द के प्रयोग द्विअर्थी रूप में भी सुनल जाला, जवन अक्सर भोजपुरी गाना में सुनल जा सकत बा। कुछ भोजपुरी गाना के बोल:
- भतार मूसर डाल, ओखर कुटी...
- राजा जी कलपता ओखर मूसर के बिना...
- ओखर में मूसर छटके...
संदर्भ
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