क्वांटिटेटिव रिवोल्यूशन
भूगोल में एगो पैराडाइम शिफ्ट जेकरा चलते गणितीय बिधी के इस्तेमाल आ जनरल नियम खोजे के शुरुआत 1950 आ 1960
क्वांटिटेटिव रिवोल्यूशन (अंग्रेजी: quantitative revolution) एगो पैराडाइम शिफ्ट रहल जेकर मकसद भूगोल में परिशुद्ध (रिगोरस) आ सिस्टमेटिक बिधितंत्र के बिकास कइल रहल। प्रादेशिक भूगोल साधारन आ सामान्य स्पेशियल डाइनामिक्स के ब्याख्या करे में पूरा तरीका से सफल ना रहल जेकरा चलते ई बदलाव आइल। भूगोल के चिंतन में एह बदलाव के मुख्य दावा ई रहल कि एकरा चलते भूगोल एगो खाली भर बरनन करे वाले चाहे बिबरन देवे वाला (इडियोग्राफिक) बिसय से हट के अनुभव आधारित नियम-बनावे वाला (नोमोथेटिक) बिज्ञान के रूप में अस्थापित भइल। ई क्रांतिकारी बदलाव 1950 आ 1960 के दशक में भइल। एकरा चलते भूगोल के रिसर्च के मेथडोलॉजी में बदलाव आइल आ ई प्रादेशिक भूगोल से एगो स्पेशियल साइंस बन गइल आ (quantitative geography) के उदै भइल।
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