खुसरू बाग

इलाहाबाद में एगो बाग़ आ मकबरागाह

खुसरू बाग उत्तर प्रदेश के, इलाहाबाद नगर मे एक ठो बिसाल बाग बा जेह मे चार ठो मकबरा मौजूद बाड़ें।[1] जहाँगीर के सभसे बड़का लइका खुसरू मिर्जा (निधन 1622 ई॰) के मकबरा एह मे प्रमुख बाटे जेकरा नाँव प एह बाग के भी नाँव धराइल बाटे। एकरे अलावा, खुसरू के महतारी शाह बेगम (निधन 1604), खुसरू के बहिन सुलतान निसार बेगम (या सुल्तानुन्निसा बेगम) (निधन 1624) आ एक ठो नामालूम ब्यक्ति तमोलिन बेगम के मकबरा एक बाग में मौजूद बाड़ें।

खुसरू बाग
ख़ुशरू बाग़
खुसरू के बहिन, निसार बेगम के मकबरा
Locationइलाहाबाद

वर्तमान समय में एह बाग आ मकबरा के भारत के राष्ट्रीय महत्व के स्मारक सभ में दर्जा दिहल गइल बाटे आ भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण बिभाग एकर रखरखाव करे ला। एकरे अलावा सरकार एह में एक ठो इको पार्क के भी स्थापना कइले बाटे। बाग वाला हिस्सा में नर्सरी भी बाटे। एही बाग के पूरबी भाग में इलाहबाद के जल निगम के मुख्य कार्यालय आ अउरी अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर भी बा।

ई बाग इलाहाबाद के पच्छिमी हिस्सा में मोहल्ला खुल्दाबाद में बाटे। इलाहाबाद जंक्शन के सामने थोडा सा दाहिनी ओर हट के एकर पछिला गेट मौजूद बा। ई अकबर के किला से लगभग 2 मील के दूरी पर पच्छिम ओर पड़े ला।

चौकोर आकर के ई बाग चारों ओर से ऊँच देवाल वाला बाटे। एह में तीन गो गेट बाड़ें। मुख्य दरवाजा, दक्खिन दिसा में पुरनका जी॰टी॰ रोड पर खुले ला। उत्तर दिसा वाला दरवाजा, रेलवे स्टेशन के सामने वाली रोड, लीडर रोड पर खुले ला। पूरुब दिसा वाला दरवाजा रेलवे स्टेशन से खुल्दाबाद जाए वाली मेन रोड में जुड़े वाली एक ठो गलीनुमा सड़क पर खुले ला।

आर्किटेक्चर

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निसार बेगम के मकबरा के गेट के सजावट

खुसरू बाग में मौजूद भवन आ एकर दरवाजा मुगल शैली के उदाहरण के रूप में गिनल जालें।[2] खुसरू बाग के दक्खिनी दरवाजा, जेवन सबसे भब्य बाटे, पुराना समय में खुल्दाबाद नाँव के सराय में खुले। एकरे दरवाजा के सजावट किला के दरवाजा से मिलत बतावल गइल बाटे।[3] एह दरवाजा आ एकरे ठीक सीध में बनल शाह बेगम के मकबरा आ आसपास के वातावरण के डिजाइन के श्रेय जहाँगीर के दरबारी कलाकार अक़ा रिज़ा के दिहल जाला।[2]

बाग के अंदर थोड़ी-थोड़ी दूर पर पूरब से पच्छिम, एक लाइन मे चार गो भवन बाड़ें। इनहन के बीच में दू गो फव्वारा बाड़े। फव्वारा के पानी के सोता के रूप में थोड़ी दूर उत्तर ओर एक ठो इनार पुरान इनार बाटे जे अब जाली से तोप दिहल गइल बा।

चारों इमारत में सभसे पूरब ओर खुसरू के मकबरा बाटे जे एक तल्ला वाला सादा भवन बाटे। एकरे देवाल पर आ गुम्बद के भीतरी हिस्सा में फ़ारसी में शेर लिखल बतावल गइल बा।[3]

पूरब के ओर से दूसरा मकबरा खुसरू के बहिन के बतावल जाला। ब्रिटिश लाइब्रेरी के बिबरन के मोताबिक ई खुसरू के बहिन रहली जिनके नाँव सुलतान निसार बेगम[2] बतावल बा, हालाँकि इलाहाबाद के इतिहास लेखक इनके नाँव सुल्तान्नुन्निसा बेगम लिखले बाड़ें।[4] ई मकबरा एक ठो सुन्दर आ सजावट वाला भवन बाटे जेह में कब्र नइखे।[2] एकर निर्माण सुल्तानुन्निसा अपने जीवन काल में अपना मकबरा खातिर करवले रहली बाकी बाद में उनुके राय बदल गइल आ उनुके सिकंदरा में अकबर के कब्र के बगल में दफन कइल गइल।[4]

आर्किटेक्चर के हिसाब से ई मकबरा सभसे खूबसूरत बाटे। एक ठो ऊँच चबूतरा पर बनल ई भवन एक ठो सुन्दर रचना बा। एकरे गुंबद के अंदरूनी हिस्सा में सुंदर सजावट के काम बा।[5]

तीसरा मकबरा, खुसरू के महतारी शाह बेगम के बा। शाह बेगम, मूल रूप से मनभावती बाई या मान बाई, आमेर के राजा भगवान दास के लइकी रहली। जहाँगीर आ खुसरू के बीच झगडा से परेशान हो के ई अफीम खा के आत्महत्या कर लिहली। इनके मकबरा एह बाग के मुख्य भवन बाटे ई तीन तल्ला के इमारत, इहाँ मौजूद इमारत सभ में सभसे बड़ बाटे। एकर डिजाइन जहाँगीर के दरबारी कलाकार अक़ा रिज़ा बनवले रहलें आ एह पर सजावट के काम मीर अब्दुल्ला मुश्कीन कलाम कइलेन।[6] कब्र सभसे नीचे वाले खंड में बा जबकि ओकरे ऊपर वाले खंड में संगमरमर के नकल बाटे। भवन के सभसे ऊपरी तल्ला एक ठो सुन्दर मुगलिया गुम्बदाकार छतरी के रूप में बा।[7]

संदर्भ आ नोट

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  1. Gazetter 1968, p. 364.
  2. 2.0 2.1 2.2 2.3 Khusru Bagh (Garden) at Allahabad, 1870s, ब्रिटिश लाइब्रेरी
  3. 3.0 3.1 श्रीवास्तव 2013, p. 239.
  4. 4.0 4.1 श्रीवास्तव 2013, p. 242.
  5. Alikuzai 2013, p. 217.
  6. "Elegant tombs, unkempt greens". दि हिंदू. 22 सितंबर 2012.
  7. श्रीवास्तव 2013, p. 244.

किताबी स्रोत

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  • Gazetter (1968). Uttar Pradesh District Gazetters:Allahabad. इलाहाबाद: उत्तर प्रदेश सरकार. {{cite book}}: Invalid |ref=harv (help)
  • श्रीवास्तव, शालिग्राम (2013). प्रयाग प्रदीप. इलाहाबाद: हिंदुस्तानी एकेडमी. ISBN 9788185765785. {{cite book}}: Invalid |ref=harv (help)
  • Alikuzai, Hamid Wahed (2013). A Concise History of Afghanistan in 25 Volumes: Volume 1. Trafford Publishing. p. 217. Retrieved Nov 9, 2014.

बाहरी कड़ी

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